– एसओजी ने दो स्टॉकिस्टों की टाल दी गिरफ्तारी
मुकेश पूनियां
बीकानेर। कोरोना के महाप्रकोप में रोगियों के लिये जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वालों पर शिंकजा कसने के लिये बीते दो दिनों से सर्किट हाउस में डेरा डाले बैठी एसओजी की टीम ने बुधवार की दोपहर जांच पड़ताल के बाद बीकानेर के पांच स्टॉकिस्टों को राउण्ड अप कर उन्हे जयपुर ले जाने की तैयारी कर ली। एएसपी दिव्या मित्तल की अगुवाई में आई टीम एसओजी की गाडिय़ों का काफिला सर्किट हाउस से रवाना होता,इससे पहले ही एसओजी हैड क्वार्टर से आये कॉल के बाद पांचों स्टॉकिस्टों को वापस गाडिय़ों से उतार लिया और सर्किट हाउस के सभागार में बैठाकर पूछताछ शुरू कर दी। इसके बाद दो स्टॉकिस्टों आंनद जिन्दल और जेठमल तंवर को राहत देते हुए उन्हे रिहा कर दिया जबकि मित्तल फार्मा और मित्तल ड्रग ऐजेंसी के विनय अग्रवाल,अनुज अग्रवाल और प्रदीप अग्रवाल को गिरफ्तार कर सदर थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया जहां तीनों को लॉकअप में बंद कर दिया गया है।

टीम एसओजी इन तीनों आरोपियों को गुरूवार सुबह जयपुर ले जायेगी। चिकित्सा जगत में बहुचर्चित रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जुड़े इस बहुचर्चिचत प्रकरण की जांच कर रही एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि मित्तल फार्मा और मित्तल ड्रग के विनय अग्रवाल, अनुज अग्रवाल व प्रदीप अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पांच को हिरासत में लिया गया था। लेकिन जिंदल फार्मा कें आंनद जिंदल और तंवर मेडिकोज के जेठमल तंवर उम्रदराज होने के कारण दोनो की गिरफ्तारी फिलहाल टाल दी गई है। कोरोना महामारी के चलते इन दो की गिरफ्तारी बाद होगी। इस बीच सर्किट हाउस में दिनभर चले घटनाक्रम को लेकर चिकित्सा जगत में हलचल सी मची रही। वहीं पांच स्टोकिस्टों को हिरासत में लिये जाने की खबर मिलने के बाद कई फार्मासिस्ट सर्किट हाउस पहुंच गये। उन्होने एसओजी की कार्यवाही को लेकर एतराज जताते हुए कहा कि कोरोना गाइड लाइन की पालना किये बगैर ही एसओजी ने पांच स्टॉकिस्टों हिरासत में ले लिया है। इस मामले को लेकर फार्मासिस्टों ने मोबाइल के जरिये एसओजी हैड क्वार्टर में बात कर अपना विरोध दर्ज कर हिरासत में लिये गये उम्रदराज स्टॉकिस्ट आंनद जिन्दल और जेठमल तंवर को छोडऩे की गुहार लगाई। पता चला है कि हैड क्वार्टर से मिले निर्देश के बाद एसओजी ने दो स्टॉकिस्टों को छोड़ दिया जबकि तीन को गिरफ्तार कर लिया।

इसे लेकर जब मीडिया ने सवाल उठाया कि दबाव में आकर दो को छोड़ा जा रहा है तो एसओजी की एएसपी दव्या मित्तल किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है,फिलहाल उम्रदराज होने के कारण दो स्टॉकिस्टों का छोड़ा गया है। उन्होने कहा कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है,और इस मामले में अभी ओर भी कई जनों की गिरफ्तारियां हो सकती है। उन्होने कहा कि जो निर्दोष है डऱने की कोई जरूरत नहीं है,लेकिन दोषियों को किसी सूरत में नहीं बख्शा जायेगा। जानकारी में रहे कि बीकानेर में बड़े पैमाने पर हुई रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी को लेकर बीते दिनों एसओजी के निरीक्षक भूराराम खिलेरी ने जांच पड़ताल के बाद छह स्टॉकिस्टों समेत कई प्राइवेट होस्पीटलों और डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।