कांता आलड़िया ने भाजपा सांसद एवं बाबा मस्त नाथ धाम के महंत बाबा बालकनाथ पर लगाए गंभीर आरोप
मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष हैं कांता आलड़िया
रोहतक प्रशासन है बीजेपी का गुलाम
महान विभूतियों का किया गया है अपमान, सांसद के खिलाफ हो कार्रवाई
प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पूरे प्रदेश में होगा बड़ा आंदोलन, सरकार होगी जिम्मेदार
लाकडाऊन खत्म होने के बाद बुलाया जाएगा साधुओं का सम्मेलन
वैशाली सैनी
रोहतक। बाबा मस्तनाथ मठ स्थित साधु संतों की करीब 250 साल पुरानी समाधियां तोड़ने को लेकर विवाद गहरा गया है। इस मामले में मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलड़िया ने मठ के महंत एवं भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांता आलड़िया का आरोप है कि मठ में महंत मनमानी कर रहे हैं और 250 साल पुरानी समाधियां तोड़ने पर साधु संत समाज में भारी रोष है। साथ ही प्रशासन राजनीतिक दबाव के चलते असहाय है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक सप्ताह बाद भी पुलिस ने सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है इसलिए सभी जाति व धर्म के लोगों से मेरी पुरजोर अपील है कि न्याय की इस लड़ाई में पूरे हरियाणा के लोग मेरा साथ दें ताकि मैं भ्रष्टाचारी बाबा बालकनाथ के खिलाफ मजबूत होकर लड़ाई लड़ सकूं।
उनका कहना था कि यह सारा खेल बीजेपी व आरएसएस की मिलीभगत से चल रहा है, जो हमारे सन्त महापुरुषों की 250 साल पुरानी समाधियां तोड़ दी गई हैं।

इसलिए मेरी आप सभी से प्रार्थना है कि आप अन्याय के खिलाफ़ मुखर होकर शासन और प्रशासन को मजबूर कर दें जिससे हम सबको न्याय मिल सके।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन की शुरूआत करेंगे और जल्द ही इस बारे में समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक भी बुलाई जाएगी।
मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि महान विभूतियों की समाधियां तोड़ कर महंत ने साधु संतों का अपमान किया है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की। रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलडिय़ा ने कहा कि कुछ दिन पूर्व बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालकनाथ के निर्देश पर 250 साल पुरानी महान संतों की समाधियां तोड़ी गई है, जिसको लेकर साधु समाज में गहरा रोष है।
उन्होंने कहा कि जब मामला प्रशासन के सामने आया तो अधिकारी मठ तक पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। मठ के महंत राजनीति पहुंच के कारण इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं होने दे रहे। कांता ने सरकार को चेताया कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई हो। जल्द ही इस बारे में प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी और आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।