-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। कोरोना संक्रमण की आपदा से निपटने के लिये लगाया गया लॉकडाउन बीकानेर में गुटखों,पान मसाला और बीड़ी सिगरेट होलसेल कारोबारियों के लिये मोटी कमाई का बड़ा जरिया बना हुआ है। पुख्ता खबर है कि बीकानेर के गुटखा और बीडी सिगरेट के होलसेल कारोबारी लॉकडाउन के बावजूद पुराने स्टॉक का माल चौगूने दामों में सप्लाई कर करोड़ो की कमाई में जुटे है। पता चला है कि कालाबाजारी में जुटे कारोबारी कोरोना आपदा में सेवादारी की गाडिय़ों में माल की सप्लाई कर रहे है। हालांकि प्रशासन और पुलिस को लॉकडाउन में गुटखों और बीड़ी सिगरेट की अवैध बिक्री का मामला संज्ञान में है।

लेकिन इसके बावजूद कोई कार्यवाही नही हो रही,इससे प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। जानकारी में रहे कि कोरोना वायरस का संक्रमण लार व थूक से भी होता है। इस वजह से सरकार पान मसाला और गुटखों के सेवन को घातक मानते हुए ऐसे उत्पादों को प्रतिबंधित श्रेण्ीा में चिन्हित कर लॉक डाउन में इनकी बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा चुकी है। यह भी खबर है कि लॉकडाउन लगने के साथ ही बीकानेर के गुटखा,पान मसाला और बीड़ी सिगरेट के होलसेल कारोबारियों ने मौके की नजाकत को भांपकर अपना माल सुरक्षित जगहों पर स्टॉक कर लिया। इसे अलावा इन कारोबारियों को जोधपुर से चोरी छूपे अभी माल सप्लाई हो रहा है,कई होलसेल कारोबारियों ने बीकानेर के नजदीकी गांवों में अपने ठिकानों माल का स्टॉक कर रखा है। जहां से यह सेवादारी में लगी गाडिय़ों के जरिये दुकानदारों को चौगूने दामों में माल की सप्लाई कर रहे है। इसके चलते छोटे दुकानदारों ने भी गुटखों,पान मसालों और बीड़ी सिगरेट के मनमाने दाम वसूलने शुरू कर दिये है। लॉकडाउन की अवधि में पिछले तीन सप्ताह के अंतराल में यहां बीकानेर में कालाबाजारी के चलते तीस करोड़ से ज्यादा के गुटखे,पान मसाला और बीड़ी सिगरेट की बिक्री हो चुकी है। शहर के दुकानदारों का कहना है कि गुटखों, जर्दा,पान मसालों और बीड़ी सिगरेट की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया है,केवल दाम में बढ़ोतरी हुई है।

उठ रहे सवाल है
कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिये जुझ रहे लोगों को राशन,दूध और दवाओं के लिये जूझना पड़ रहा है,मगर जर्दा,गुटखा,पान मसाला,बीड़ी और सिगरेट की बिक्री पर ज्यादा सख्ती नहीं दिख रही है। बीकानेर में 20 रूपये वाला बीड़ी कां बंडल 35 रूपये,5 रूपये वाला गुटखा 20 रूपये,5-10 रूपये वाली सिगरेट 20 रूपये,20 रूपये वाला रजनीगंधा पान मसाला और तंबाकू 50 रूपये में बेचा जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक लॉकडाउन से पहले बीकानेर में तंबाकू,पान मसालों और बीड़ी सिगरेट की खपत रोजाना पांच करोड़ रूपये से ज्यादा थी,इसके लिये रोजाना गाडिय़ों से माल सप्लाई होता था। ऐसे में माना जाये कि बीकानेर के होलसेल कारोबारियों के पास लॉकडाउन के शुरूआती दौर में तीन-चार दिनों का स्टॉक होगा,जो अब खत्म हो चुका है। लॉकडाउन को आज बीस दिन हो चुके है,दाम चौगूने होने के बावजूद तलबगारों की कमी नहीं है,ऐसे में सवाल उठता है कि खत्म हो चुके स्टॉक के बावजूद मॉल कहां से आ रहा है। इससे संकेत मिल रहे है कि लॉकडाउन के बावजूद गुटखा,पान मसाला और बीड़ी सिगरेट का परिवहन चोरी छूपे हो रहा है। इससे सवाल उठना लाजमी है कि इतने बड़े स्तर पर प्रतिबंधित माल की सप्लाई प्रशासन की शह के बिना नहीं हो सकती है।

संक्रमण का बढ़ता है खतरा
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अगले आदेश तक गुटका या पान मसाला,बीड़ी सिगरेट बेचना प्रतिबंधित है। ज्ञात रहे कि अंचल में गुटखा का सेवन करने वालों की बड़ी संख्या है। वहीं इस गुटखा को चबाने के बाद इसे खाना वाला व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर इसकी थूक देता है। जिससे संक्रमण का खतरा पनपता है। वही थूकने से सड़क या परिसर की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है। साथ ही प्रदूषण भी फैल रहा है इसी तरह अक्सर लोग सिगरेट या बीड़ी एक दूसरे के साथ शेयर कर रहे हैं। ऐसे में अगर शेयर करने वाला पहला व्यक्ति किसी रोग से संक्रमित है तो वह दूसरे व्यक्ति को भी अपनी चपेट में ले लेता है।