सफेदपोश कारोबारी भी होड़ में शामिल
-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये बीकानेर में लगाये गये लंबे दौर के लॉकडाउन का फायदा उठाने के लिये कालाबाजारी करने वालों में होड़ सी मची हुई है। इस मामले में सफेदपोश व्यवसायी और कारोबारी भी पीछे नहीं है।

पुख्ता खबर है कि शहर के लॉकडाउनऔर कफ्र्यू के बावजूद शराब,गुटखा,तंबाकू,बीडी,सिगरेट सरीखें प्रतिबंधित उत्पादों समेत,पापड़,भूजिया,चावल दाल और खाद्य तेल की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है। इन उत्पादों के नामी कारोबारी भी पुराने स्टॉक का माल ऊंचे दामों में बेचकर काबाजारी की जमात में शामिल हो गये है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि शहर के जागरूक लोग और सामाजिक कार्यकर्ता पुरजोर तरीके से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ आवाज बुलन्द कर रहे है, लेकिन लॉकडाउन और कफ्र्यू की पालना में मशगूल प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इन पर लगाम कसने में नाकाम साबित हो रहे है।लॉकडाउन में कालाबाजारी को लेकर एक वजह यह भी सामने आई है कि इसमें लिप्त प्रभावशाली कारोबारियों ने सियासी रसूखात के दम पर प्रशासन और पुलिस अफसरों पर दबाव बना रखा है।

हालांकि प्रशासन और पुलिस ने यहां लॉकडाउन के शुरूआती दौर में कालाबाजारी करने वाले छूटभईये दुकानदारों और कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही की मुहिम चलाई थी,बड़े पैमाने पर कालाबाजारी करने वाले नामी कारोबारियों और व्यवसायियों पर शिंकजा नहीं कसा। हालांकि राशन सामग्री,खाद्य उत्पादों की कालाबाजारी और प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री पर निगरानी के लिये प्रशाासन की विशेष टीम लगा रखी है,लेकिन यह टीम कालाबाजारी और प्रतिबंधित उत्पाद बेचने वालों के ठिकानों पर सैंध नहीं लगा पाई है। अभी शुक्रवार को अनाज मंडी से सूचना मिली थी कि मंडी में दालों और खाद्य तेल के कारोबारी ओवरेट पर माल बेच रहे है। वहीं गुटखा कारोबार जगत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले बड़े कारोबारियों के पास पुराने स्टॉक का तंबाकू पान मसाले,बीडी सिगरेट,जर्दा खत्म हो गया था,लेकिन शुक्रवार इन्होने फिर से माल मंगाकर सप्लाई कर दिया।
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इन कारोबारियों के पास पान मसाला और गुटखा की खेप कहां से आ रही है? आ भी रही है तो दुकानें सारी बंद है, इसके बावजूद ये कैसे लोगों तक पहुंच रहा है? पहुंच भी रहा है तो कोई कार्रवाई क्यों नहींं हो रही? इन तमाम सुलगते सवालोंं के जवाब नहीं मिल रहे। ऐसा ही मामला शराब कारोबार जगत में भी सामने आया है। लॉकडाउन के चलते आबकारी विभाग ने बीते माह २२ मार्च को जिले अंग्रेजी और देशी शराब के ठेके सील करवा दिये थे,शराब के गोदामों और डिपों से सप्लाई भी बंद कर दी थी,इसके बावजूद शौकिन को बीकानेर में मनमाने ब्रांड की शराब डबल ओवररेट में मुहैया हो रही है। पता चला है कि लॉकडाउन में डिमांड बढने के बाद शराब के अवैध कारोबार से जुड़े पुराने तस्कर फिर सक्रिय हो गये है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि बीकानेर में हरियाणा और पंजाब निर्मित शराब भी शौकिनों तक पहुंच रही है। इसे लेकर अब प्रशासन और पुलिस की ओर से सख्ती के साथ लागू किये गये लॉकडाउन और कफ्र्यू पर सवाल उठने लगे है।

पापड़ भूजिया की दुगुनी रेट पर होम डिलवरी
लॉकडाउन और कफ्र्यू के चलते बीकानेर में पापड़ भुजिया के तमाम कारखाने और प्रतिष्ठान बंद है,छोटे दुकानदारों का पुराना स्टॉक भी खत्म हो गया है। इसके बावजूद बीकानेर में पापड़ भुजिया के बड़े कारोबारी अपना पुराना स्टॉक दुगुने दामों में होम डिलवरी कर रहे है। उनका माल सेवादारी में लगी गाडिय़ों के जरिये सलाई हो रहा है। कालाबाजारी में लिप्त कारोबारी 70रूपये किलों वाले पापड़ के 120 और 80 रूपये किलो वाली भुजिया के 180 रूपये वसूल रहे है।