नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए इन्हें छूट प्रदान कर दी गई है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी। लॉकडाउन लागू होने के बाद से केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी एवं परषोतम रुपाला किसानों से जुड़े मुद्दों पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। इसी को लेकर बुधवार को भी नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश चौधरी और परषोतम रुपाला ने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य समीक्षा की।
बैठक में कृषि मंत्रालय की ओर से लिए गए प्रमुख निर्णय:
1. कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों
2. कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों
3.उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और
4.उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्य आवाजाही को भी छूट दी गई है।
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि ये निर्णय कृषि से संबंधित कार्यों के, बिना किसी व्यवधान के समय पर होने के संबंध में लिए गए हैं, जिससे कि इस विकट समय में लॉकडाउन के दौरान भी देश की जनता को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा सके और किसानों व आम जनता को कोई परेशानी नहीं आएं। कैलाश चौधरी ने बताया कि इस आदेश के सख्ती से पालन के लिए भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों, विभागों, राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उल्लेखनीय है कि कृषकों को रबी की फसल कटाई में आ रही दिक़्क़तों एवं ज़ायद फसल के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।