

रचना – अनमोल कुमार
जय नरेन्द्र ग्यान गुन सागर | जय मोदी तिहुँ लोक उजागर
राष्ट्रदूत अतुलित बलधामा |
दामोदर पुत्र नरेन्दर नामा || तुम उपकार राष्ट्र पर कीन्हा | कच्छ संवारि स्वर्ग सम कीन्हा ||
माया, मुलायम थर थर काँपैं |
काँग्रेस को चिंता व्यापै || नासहि सपा मिटैं बसपाई | खिलै कमल फूलैं भजपाई ||
साधु संत के तुम रखबारे |
असुर निकंदन राष्ट्रदुलारे || संत रसायन तुम्हरे पासा | सदा रहहु भारत के दासा ||
भारत विश्वगुरु बन जावै |
जब मोदी दिल्ली मैं आवै || चीन पाक दोउ निकट न आवै | जब मोदी को नाम सुनावै ||
नासहिं दुष्ट और अपराधा |
भ्रष्टाचार मिटावहिं बाधा || करहि विकास स्वर्ग सम सुंदर | बनहि राम को सुंदर मंदिर ||
असुर निवारि सुरन्ह कौ थापैं |
राहुल सोनिया कबहुँ न व्यापै || मोदी मंत्र एक सम जाना | करहि विकास राष्ट्र सनमाना ||
भारत राष्ट्र पराक्रमशाली |
होहि सिद्ध यह शंशय नाही ||