बिहार(सुपौल)ओम एक्सप्रेस ब्यूरों-लॉकडाउन की मार से यू तो मजदूर, किसान ,छोटे कामगारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है, लेकिन एक अन्य वर्ग जो इस लॉकडॉन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है ,उसे न सरकार न ही बार कौंसिल ध्यान दे रही है, वह है वकालत करने वाले वकील और उनके सहकर्मी । पिछले 22 मार्च से जनता कर्फ्यू के साथ ही अदालत का काम पूरी तरह ठप होने से इस पेशे से जुड़े लोगों के सामने भुखमरी की नोबत आ गई है।
अनुमंडल बिधिज्ञ संघ के अध्यक्ष रविनंदन रवि और सचिव उपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री और बार कौंसिल के अध्यक्ष को ईमेल से ज्ञापन भेज कर भुखमरी की मार झेल रहे अधिवक्ता को बिशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध किया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि अनुमंडलीय बिधिज्ञ संघ से जुड़े अधिकांश अधिवक्ता दैनिक कमाई भोगी है। लेकिन 22 मार्च से कोर्ट में लगातार टाला लटकने से अब इनलोगो कीआर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। अधिकांश अधिवक्ता कर्ज के बोझ तले दबे है ,और अब दाने दाने को मोहताज है। लेकिन सरकारे जहाँ अन्य समुदाय को आर्थिक सहायता दे रही हैं ,वही अधिवक्ता की तरह किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।और तो और स्टेट बार कौंसिल और सेंट्रल कौंसिल भी आँख बंद किये हुए हैं। वहाँ से भी किसी तरह के सहायता पैकेज नहीं दिया गया है ।जिससे हालत गंभीर है।