” लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित होने पर न्यायालय में जमा फीस भी वापिस मिलेगी ” : न्यायधीश सूद
झुंझनू,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। वर्ष 2021 की पहली ” राष्ट्रीय लोक अदालत ” का आयोजन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर (रालसा) के निर्देशानुसार 10 जुलाई को होगा। इस संबंध में झुंझनू जिला एवम सत्र न्यायधीश अरूण कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं वर्चुअल माध्यम से झुंझुनूं न्यायक्षेत्र के समस्त न्यायिक अधिकरीगण के साथ मीटिंग लेकर अधिक से अधिक प्रकरनों को चिन्हित कर लोक अदालत में रैफर कर राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के मीटिंग में निर्देश प्रदान किए । सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं न्यायधीश श्रीमती दिक्षा सूद ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन श्रीमान अरूण कुमार अग्रवाल जिला एवं सेशन न्यायाधीश झुंझुनूं के मार्गदर्शन में ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाईन माध्यम से भी किया जाएगा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन में एन.आई. एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम विवाद एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण इसके अतिरिक्त न्ययालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, एन.आई. एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, तथा अन्य सिविल प्रकरणों को राजीनामे से निस्तारण हेतु पेश किया जा सकेगा। चिन्हित प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व ऑनलाईन प्री-काउंसलिंग भी करवाई जाएगी। श्रीमती सूद ने बताया कि बैंक व वित्तीय संस्थाएं ऐसे प्रकरणों प्री-लिटिगेशन स्तर पर दर्ज करावाना चाहते हैं, तो उनकी सूची समय रहते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका स्तर पर विधिक सेवा समितियों में प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे नोटिस जारी कर अविलम्ब निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई हो सके। अगर लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो जाता है तो प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण हो जायेगा तथा न्यायालय में जमा करवायी गयी फीस भी वापिस मिलेगी। इस अवसर पर सचिव श्रीमती सूद द्वारा बीमा कम्पनियांे व बैंकों को भी निर्देश प्रदान किए गए ताकि अधिक से अधिक लंबित प्रकरणों को लोक अदालत में रखा जाकर समझाईश की भावना से उनका निस्तारण किया जा सके व लोक अदालत को सफल बनाया जा सके।