

जयपुर। रीट प्रकरण सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर भले ही विपक्षी दलों ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, लेकिन विरोधी दल के विधायकों को ‘सरकार’ से ही अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास की आस लगी हुई है। जब मौक़ा विधानसभा में बजट सत्र का हो तब प्रतिपक्ष के विधायकों की सरकार से ये आस और परवान चढ़ी हुई है। यही वजह है कि अब विरोधी दल के विधायक, सरकार के बजट से ठीक पहले संबंधित विधानसभा क्षेत्र विकास के लिए विभिन्न मदों में बजट प्रावधान किये जाने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बतौर प्रदेश के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री 23 फरवरी को विधानसभा में राज्य बजट पेश करेंगे। इस बार पहली बार कृषि बजट भी अलग से पेश किया जाएगा। फिलहाल बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसे में सत्ता पक्षही नहीं, विपक्षी दलों के विधायकों को भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के लिए बजट प्रावधानों को लेकर आस टिकी हुई है।