बीकानेर।ओम एक्सप्रेस- महामारी को देखते हुए सरकार से यूजीसी से सादर अनुरोध है कि कोरोना वायरस महामारी से पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है और राजस्थान राज्य में इसका संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा हैं। अगर विश्वविद्यालयों द्वारा आगामी समयानुसार परीक्षाएं आयोजित की जाती है तो इन परीक्षाओं में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या लाखों में हैं और जिससे इस महामारी के पुन बढ़ने की संभावना प्रबल हो सकती है। अतः आपसे निवेदन है कि UG, PG, PROFESSIONAL, MPHIL, SEMESTER etc. परीक्षाओं के परीक्षार्थियों को एक समान शिक्षा के अधिकार के तहत 55 या 60 प्रतिशत अंक देकर उत्तीर्ण घोषित करें। अन्यथा पिछले वर्ष के अंकों के आधार पर अंको का निर्धारण करें। अगर यह संभव नहीं हो तो प्रत्येक विश्वविद्यालय एक प्रोग्राम तैयार कर उसमें पढ़ने वाले छात्रों से रोल नंबर एवं कक्षा के अनुसार सहमति प्राप्त करें। मेरा विचार है कि इससे लाखों की संख्या हजारों में हो जायेगी। और जो विधार्थी इसके पक्ष में नहीं है तो उनकी परीक्षा करवाने की कोशिश करे। क्योंकि इससे स्थिति साफ हो जायेगी।

मेरा विचार है कि 100 में से लगभग 90 विधार्थी इससे सहमत हो जायेगे।अभी यह अमूल्य समय निकलता जा रहा है अभी विधार्थी आगे क्या करना है सोच नहीं पा रहा है। ताकि आगामी शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। इन विश्वविधालयो और महाविद्यालयों में राजस्थान और बाहर के अनेक क्षेत्रों के विधार्थी अध्ययन कर रहे हैं। जब परीक्षा का आयोजन किया जाएगा तो ये विधार्थी अपने क्षेत्र से परीक्षा देने के लिए आयेंगे।. 1. LLB के लिए डिग्री प्राप्त करने के बाद विधार्थी न्यूनतम 50%अंक के साथ बॉर कौंसिल में रजिस्ट्रेशन करवा सकता है या फिर RJS, JLO etc. Exam देता है इसमें LLB clear होना आवश्यक है प्रतिशत की कोई बाध्यता नहीं है।. 2. B. Ed. Exam के विधार्थी डिग्री प्राप्त करने के बाद Reet, 2 nd grade, 3 rd grade etc. Exam दे सकते हैं इसमें प्रतिशत की कोई बाध्यता नहीं है। अतः यह सभी प्रकार की प्रणाली बाकि बची हुई परिक्षाओं में अपनाई जा सकती है।आपसे सादर अनुरोध है कि कोरोना वायरस महामारी से पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है और राजस्थान राज्य में इसका संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा हैं। अगर विश्वविद्यालयों द्वारा आगामी समयानुसार परीक्षाएं आयोजित की जाती है तो इन परीक्षाओं में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या लाखों में हैं और जिससे इस महामारी के पुन बढ़ने की संभावना प्रबल हो सकती है।