रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है तथा विश्वविद्यालय में समाजोपयोगी शोध संस्कृति को विकसित करने के लिए प्रयासरत है।
यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने आज आईएचटीएम सभागार में फार्मासूर्याटिकल साईंसेज विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।
मदवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा प्रायोजित फॉस्टरिंग इन्नोवेटिव एप्रोच्ज ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन फार्मासूर्याटिकल साईंसेज विषयक इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्यातिथि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुभारंभ करते हुए कहा कि शोधार्थी अपने शोध द्वारा समाज कल्याण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। नए-नए विचारों के साथ समाज की समस्याओं के निदान में शोध के जरिए अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को किसी न किसी समस्या का समाधान बनने का आह्वान किया।
इससे पूर्व फार्मेसी विभाग की अध्यक्षा इस कांफ्रेंस की कंवीनर प्रो. संजू नंदा ने कांफ्रेंस की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने फार्मेसी विभाग की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए विभाग की उपलब्धियों से मुख्यातिथि को अवगत करवाया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस कांफ्रेंस में जीजेयू, हिसार की डा. रेखा राव, शोधार्थी शेफाली महंत तथा को-ऑथर प्रो. संजू नंदा की किताब एडवांस्ड ड्रंग्स डिलीवरी सिस्टम: प्रिंसिपल एंड प्रैक्ट्सि तथा डा. पवन जालवाल, डा. रामचन्द्रन खत्री, डा. गोविंद सिंह व अरूण कुमार की किताब फार्मासूर्याटिकल पैकेंजिंग टैक्नोलोजी का विमोचन किया।
इस अवसर पर आयोजन समिति सदस्य, विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं डेलीगेट्स उपस्थित रहे।
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