भारत-नेपाल सांस्कृतिक सम्मेलन 20 जून 2019 को जयपुर में

काठमाण्डौं (नेपाल): इण्डों-नेपाल समरसता ऑगेनाईजेशन द्वारा जयपुर शहर में 20 जून को आयोजित भारत-नेपाल सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया जा रहा है। राजस्थान के क्षैत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा भारत-नेपाल की वैदिक कालीन संस्कृति का पुर्नउत्थान हो, भारत पुन: वैदिक कालीन जगतगुरू के आसन पर पद्स्थापति हो, एवं दुनिया का 8 वां सबसे ताकतवर देश भारत को सयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में विटो-पावर के साथ स्थाई सदस्यता मिले, उदेश्य पर अपना विचार प्रस्तुत करेगे। कार्यालय सचिव मनोज जागिड ने बताया कि सम्मेलन में नेपाल राष्ट्र के महननीय व्यक्तियों न्यायमूर्ति परमानन्द झा, प्रथम उपराष्ट्रपति नेपाल सरकार, टोप बहादुर रायमाझी, पूर्व उपप्रधानमंत्री, नेपाल सरकार, श्यामानन्द सुमन, पूर्व राजदूत, नेपाल सरकार, बोर्ण बहादुर कार्की पूर्व चैयरमैन नेपाल प्रेस परिषद् काठमाण्डू, का आर्शीवाद-पत्र, राज्य के विभिन्न क्षैत्रों के क्षैत्रीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का ”कर्म रत्न अवार्डÓÓ से अभिनन्दन किया जायेगा।

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चयन समिति के संयोजक व पूर्व प्रतिभा प्रो. मोहम्मद शब्बीर पूर्व कुलपति अलीगढ मुस्लिम विश्व विद्यालय ने बताया कि इण्डो-नेपाल समरसता सोशल मिशन यात्रा को प्रोत्साहन एवं नैतिक समर्थन सहयोग प्रदान करने वाले क्षैत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता शान्ति देवी समाज सेविका बीकानेर राज. का ”कर्म रत्न अवार्डÓÓ के लिए कर्म स्थली से विकास तक सेवा कार्यो का अवलोकन कर अनवरत परिश्रम पर चयन किया गया है। मंच द्वारा ”कर्मरत्न ÓÓ प्रतिभा का अभिनन्दन पत्र, मेडल, शाला, नेपाल राष्ट्र की सम्मानीय टोपी, द्वारा अभिनन्दन करते हुये नेपाल यात्रा के लिए आंमन्त्रित करेगे। दिसम्बर से 150 व्यक्तियों का एक समूह दिल्ली से काठमाण्डौं पहुचकर सार्क सदस्य राष्ट्रों को सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन का आमन्त्रण देगे। मंच कार्यालय को 300 प्रस्ताव-पत्र प्राप्त हुये है।

जिनमें से शान्ति देवी का नाम का प्रस्ताव का चयन किया गया है। भारत-नेपाल सांस्क्ृतिक समन्वय सम्मेलन का आयोजन भारत के परिपेक्ष्य में विश्व बन्धुत्व एकामेह कार्ययोजना को मूर्त रूप देने कार्य निष्पादन में महननीय व्यक्तियेां को आंमन्त्रित करना है। पूर्व में 1 मई को आचार संहिता के कारण यह सम्मेलन 20 जून को आयोजित किया जा रहा है।

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