पटना , (अनमोल कुमार )।पटना मोकामा ( मध्य बिहार ) और बेगूसराय ( उत्तर बिहार ) के संगम गंगोत्री के तट पर प्रख्यात सिमरिया धाम के करपात्री अग्निहोत्री परमहंस परम पूज्य स्वामी चिदा तमं न जी महाराज ने बताया कि शंखनाद सबसे सस्ता वेंटिलेटर है उन्होंने कहा कि शंख बजाने से ऑक्सीजन की कमी नहीं आएगी और फेफड़ा विश्वस्त रहेगा । उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में पहले मंदिर और घरों में रोजाना शंख बजाने का प्रचलन था जो धीरे-धीरे समाप्त होता चला गया ।
उन्होंने कहा कि शंख बजाने से गुदा की मांसपेशियां मजबूत होती है मूत्र मार्ग और पेट का निचला हिस्सा के साथ छाती गर्दन और डायाफ्राम की मांसपेशियां मजबूत होती है ।स्वामी जी ने बताया कि शंख बजाने से सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है थायराइड ग्रंथियां और स्वर यंत्र का व्यायाम होता है l
शंख में कैल्शियम की मात्रा होती है रात में शंख में पानी डालकर सुबह पीने से और त्वचा मालिश करने से काफी फायदा पहुंचता है ।शंख बजाने से चेहरे पर झुर्रियां कम पड़ती है मांसपेशी खींचा रहता है तनाव दूर रहता है दिमाग का विकार खत्म होता है नकारात्मक विचारों का अंत होता है। दिल का बचा होता हृदय रोग और हृदयाघात जैसी समस्याएं नियंत्रित रहती है शरीर में ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाता है ।

शंखनाद की तीन प्रक्रियाएं हैं —–
(1) कुंभक (2) टे च क और (3) प्राणायाम ।
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार शंखनाद से खगोलीय उर्जा का उत्सर्जन होता है और जीवाणुओं का नाश होता है ऊर्जा शक्ति के संचार से फेफड़ा रोग का अंत होता है श्रवण शक्ति सांसो की शक्ति प्राणवायु स्मरण शक्ति का विकास होता है l वैज्ञानिकों का मानना है किसान फूटने से इसकी ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक उसके स्पंदन से जीवाणु और विषाणु मूर्छित हो जाते हैं ।
वर्ली न विश्वविद्यालय के अनुसार शंख की ध्वनि और तरंग ज्वर पाचन तंत्र गूंगा पन हड्डी को मजबूती के साथ कई विकार को समाप्त करता है ।

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