– गर्मियों में प्रदेश में पेयजल प्रबंधन
जयपुर, 19 मार्च। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में आगामी गर्मियों के सीजन के लिए प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन (टीओडब्ल्यू-ट्रांसपोर्टेशन ऑफ वाटर) की व्यवस्था के लिए अप्रेल 2021 से जुलाई 2021 की अवधि के लिए 6956.95 रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इसमें शहरी क्षेत्र के लिए 2776.70 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 4180.25 लाख रुपये की राशि शामिल है।
जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में अजमेर जिले के लिए 69.01 लाख, नागौर के लिए 92.41 लाख, टोंक के लिए 40 लाख, अलवर के लिए 280.68 लाख, भरतपुर के लिए 66.28 लाख, धौलपुर के लिए 6.76 लाख, सवाईमाधोपुर के लिए 44.60 लाख, करौली के लिए 16 लाख, चुरू के लिए 102.32 लाख, बीकानेर के लिए 15.80 लाख, श्रीगंगानगर के लिए 86.13, हनुमानगढ़ के लिए 18 लाख, दौसा के लिए 258.40 लाख, झुंझुनू के लिए 24.25 लाख तथा सीकर के लिए 56.40 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। इसी प्रकार जयपुर के लिए 858.10 लाख, बाड़मेर के लिए 255 लाख, जैसलमेर के लिए 15 लाख, जालौर के लिए 19.12 लाख, सिरोही के लिए 2.25 लाख, झालावाड़ के लिए 24.86 लाख, बूंदी के लिए 62.63 लाख, कोटा के लिए 64.60 लाख, बारां के लिए 17.87 लाख, बांसवाड़ा के लिए 3 लाख, चितौड़गढ़ के लिए 203.01 लाख, प्रतापगढ़ के लिए 36 लाख, राजसमंद के लिए 11 लाख तथा उदयपुर के लिए 27.22 लाख रुपये की राशि जल परिवहन व्यवस्था के लिए मंजूर की गई है।
डॉ. कल्ला ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुल स्वीकृत राशि 4180.25 लाख रुपये में से 3753.87 लाख रुपये अकाल से अप्रभावित आबादियों तथा 426.38 लाख रुपये की राशि 6 जिलों बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, झालावाड़, पाली और प्रतापगढ़ में आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की अधिसूचना के अनुसार अकाल से प्रभावित चिह्नित आबादियों में जल परिवहन के कार्यों के लिए स्वीकृत की गई है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि अजमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लिए 85.62 लाख, भीलवाड़ा के लिए 106.01 लाख, नागौर के लिए 83.70 लाख, टोंक के लिए 12 लाख, बीकानेर के लिए 77.47 लाख, श्रीगंगानगर के लिए 254.42 लाख, हनुमानगढ़ के लिए 15 लाख, चुरू के लिए 115 लाख, भरतपुर के लिए 30 लाख, धौलपुर के लिए 32 लाख, करौली के लिए 95 लाख, सवाईमाधोपुर के लिए 75 लाख, अलवर के लिए 115 लाख, दौसा के लिए 80 लाख, झुंझुनू के लिए 105 लाख तथा सीकर के लिए 135 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार जयपुर के लिए 95 लाख, जोधपुर के लिए 315 लाख, पाली के लिए 162 लाख, बाड़मेर के लिए 625.20 लाख, जैसलमेर के लिए 377.70 लाख, जालौर के लिए 115 लाख, सिरोही के लिए 90 लाख, बारां के लिए 75 लाख, बूंदी के लिए 140 लाख, झालावाड़ के लिए 77 लाख, कोटा के लिए 135 लाख, बांसवाड़ा के लिए 41.33 लाख, राजसमंद के लिए 45 लाख, चितौड़गढ़ के लिए 245 लाख, डूंगरपुर के लिए 8.31 लाख, उदयपुर के लिए 50 लाख तथा प्रतापगढ़ के लिए 167.48 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
डॉ. कल्ला ने बताया कि इसके अलावा जिलों में जहां कहीं भी और आवश्यकता पड़ेगी, वहां अतिरिक्त राशि या जल परिवहन की अवधि बढ़ाने के सम्बंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा सम्बंधित जिला कलक्टर के माध्यम से प्रस्ताव जलदाय विभाग को भिजवाए जा सकेंगे। इस सम्बंध में सक्षम स्तर से विचार करते हुए निर्णय लिया जाएगा।
जल परिवहन से सम्बंधित व्यवस्थाओं के बारे में जलदाय विभाग की ओर से समस्त जिला कलक्टर्स एवं सभी रीजनल अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसके अनुसार जिलों में जल परिवहन की व्यवस्था सम्बंधित जिला कलक्टर्स की अनुशंषा और सहमति के आधार पर की जाएगी। जिलों में जल परिवहन शुल्क का निर्धारण जिला कलक्टर्स की अध्यक्षता या उनके प्रतिनिधि (जो अतिरिक्त जिला कलक्टर से नीचे के स्तर का नहीं हो) की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा। इस कमेटी में जिले में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता या उसके प्रतिनिधि (जो अधिशाषी अभियंता से नीचे के स्तर का नहीं हो), कोषाधिकारी एवं जिला कलेक्ट्रेट के लेखा सेवा के अधिकारी शामिल रहेंगे। इस कमेटी को एकल टेंडर की स्थिति में भी दर तय करने के पूरे अधिकार होंगे।
जिलों मे सभी उपखण्डों पर एसडीएम की अध्यक्षता में सम्बंधित क्षेत्र में जल परिवहन के लिए स्थान तथा कितनी मात्रा में जलापूर्ति की जानी है, यह तय करने के लिए समितियों का गठन होगा। इनमें जलदाय विभाग के सहायक अभियंता इसके सदस्य सचिव होंगे। कमेटी में सम्बंधित क्षेत्र के विकास अधिकारी और तहसीलदार भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।