-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। दिवाली के मौके शहरभर में चारो प्रहर बड़े पैमाने पर चली रही जुएबाजी को देखते हुए जुआरियों के खिलाफ कार्यवाही के लिये रैंज डीआईजी जोश मोहन एवं एसपी प्रदीप मोहन शर्मा की ओर से किये गये तमाम दावे पूरी तरह फेल साबित होते दिख रहे है। जुआरियों के खिलाफ कार्यवाही में नाकाम साबित हो रही पुलिस की नामाकी को लेकर शहभर में चर्चाओं का माहौल गरम है,लोग सरेआम आरोप लगा रहे कि हर बार तरह इस बार पुलिस ने जुआरियों को पूरी छूट दे रखी है।

जानकारी के अनुसार नत्थुसर गेट के बाहर,मालियों का बास,भाटों का बास,पूगल फांटा,जस्सूसर गेट के बाहर,सुनारों की बड़ी गुवाड़,ब्रह्पुरी चौक,बिस्सो का चौक,बारह गुवाड़ समेत शहर में चप्पे-चप्पे पर जुएबाजी चल रही है। पिछले तीन दिनों से शहर में शगुन के नाम पर चारो प्रहर जुएबाजी चल रही है। चौक, चौराहों से लेकर बंद व सुने मकानों में चल रहे जुए के फड़ में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक दांव लगा रहे हैं। पुलिस प्रशासन की उदासीनता के चलते सार्वजनिक स्थलों पर निर्बाध रूप से चल रहा जुआ आमजन के लिए खासा सिरदर्द बन चुका है। जुए के स्थलों पर दर्जनों वाहनों की मौजूदगी के साथ कई बार हो रहे झगड़ों के कारण कानून व्यवस्था की पोल खोल रहे है।एक अनुमान के मुताबिक पिछले तीन दिन से शहर में जगह-जगह जुआ बदस्तूर जारी है। पुलिस प्रशासन केवल खानापूर्ति के लिए एक-दो कार्रवाई कर इतिश्री कर रहा है।

दीपावली को लेकर शहर में चल रहे जुए की फड़ इस बात की ओर इंगित कर रही है कि जुआरियों में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है। शहर के भीतर अनेक मोहल्लों व चौक में सार्वजनिक रूप से लाखों रुपए के दाव लग रहे हैं। दीपावली के मद्देनजर आदतन जुआरियों की पौ-बारह है। जानकारी के अुनसार दीपावली के अवसर पर शहर में ताश के पत्तों, घोड़ी तथा दे जिसको माताजी के नाम से जुए के फड़ जम रहे हैं। आदतन जुआरियों की ओर से संचालित किए जा रहे इन जुओं में नौसिखिएं लोग व बच्चे शिकार हो रहे हैं और जेब कटवा रहे हैं। शहर में दीपावली पर जुए का जोर रहता है।

करोड़ो का कारोबार चार दिन के लिये बंद
बीकानेर। दिपावली के मौके पर जहां बाजार में कारोबारी बूम है वहीं हर रोज होने वाला करोड़ो का पर्ची सट्टा कारोबार चार दिन के लिये बंद है। सट्टा बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार मुम्बई और नागपुर से संचालित होने वाले पर्ची सट्टा कारोबार देशभर में दिवाली की छुट्टियों को देखते हुए चार दिन के लिये बंद है। अब यह कारोबार अगले सप्ताह ही शुरू होगा। जानकारी में रहे कि सालभर चलने वाले पर्ची सट्टा कारोबार की जड़े बीकानेर में शहर से लेकर कस्बे तक फैली है। सट्टा कारोबार के जानकारों की माने तो जिले में प्रतिदिन करीब एक करोड़ रुपये का कारोबार होता है। शहर में होने वाले सट्टे का सरगना बड़ा बाजार का क्रिकेट बुकी है, इसके तार गंगाशहर में बड़े स्तर के सट्टा कारोबारी से जुड़े हैं। ऐसा नहीं है कि सरगना और उसकी देखरेख में शहर में विभिन्न स्थानों पर चल रहे इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की जानकारी पुलिस को नहीं है, लेकिन पुलिस प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ के कारण कारोबार को संचालित करने वालों पर हाथ नहीं डालती। पुलिस सट्टा खेलने वाले छोटे-मोटे सटोरियों को गिरफ्तार करती है और कागजी कोरम पूरा कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। वैसे तो शहर में कई स्थानों पर सट्टे का कारोबार होता है। लोग बाकायदा कुर्सी मेज डालकर बैठते हैं और सट्टा पर्ची लिखते देखे जा सकते है।