रोहतास , अनमोल कुमार।
ROHTAS: रोहतास जिले के बिक्रमगंज स्थित मैंघरा गांव में शहीद सेना के जवान का पार्थिव शरीर आते ही गांव में मातम छा गया। परिजनों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। जवान की अर्थी उठी तो सभी ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। पूरा इलाका भारत माता की जय, वंदे मातरम और शहीद धर्मेंद्र सिंह अमर रहे से गूंज उठा। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें श्रद्धाजलि दी। बता दें कि तीन दिन पूर्व जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित गूगलधार में सेना के जवान धर्मेंन्द्र सिंह की गश्ती वैन ड्यूटी के दौरान दुर्घटनास्थल होकर खाई में जा गिरी थी। गुरूवार को पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया।
धर्मेंद्र सिंह बिक्रमगंज के मैंघरा गांव के रहने वाले थे। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा के गूगलधार में सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। तीन दिन बाद आज सुबह पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मैंघरा पहुंचा। जैसे ही धर्मेंद्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। पूरे इलाके में मातम का माहौल हो गया। पूरे गांव में भारत माता की जय, शहीद धर्मेंद्र सिंह अमर रहे और वंदे मातरम के नारे लगने लगे। पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें सलामी दी गई। अंतिम संस्कार में पूरा गांव अपने लाल को सम्मान देने के लिए खड़ा रहा।
बता दें कि 3 दिन पूर्व जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सड़क धंस जाने के कारण गश्ती वैन दुर्घटनाग्रस्त हो गई और वह गहरे खाई में जा गिरी। ड्यूटी के दौरान हुए इस हादसे में सेना के जवान धर्मेंद्र सिंह की घटनास्थल पर मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजनों के बीच कोहराम मच गया। पिता राम प्रवेश सिंह, पत्नी गुड़िया देवी और दो बच्चे तेजप्रताप और आर्यन सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। वही गांव के लोग भी इस घटना से मर्माहत हैं।
शहीद जवान का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बिक्रमगंज के डीसीएलआर मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि नियम के तहत जो भी सरकारी सुविधाएं दी जाती है वो शरीद के परिजनों को दी जाएगी। वही कहा कि परिजनों द्वारा जो मांगे रखी गयी है उस पर भी विचार किया जाएगा। उनकी जो भी मांगे है उसे जिला प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा। इन मांगों से उन्हें अवगत कराया जाएगा और जो नियमानुकूल होगा वो किया जाएगा।