गुरुग्राम,हरियाणा।(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। आंदोलनरत किसान 20 अप्रैल 2021 को धन्ना भगत की जयंती पर उनके गांव धोआ कलां से दिल्ली की सीमाओं पर मिट्टी एकत्रित कर उनकी याद में टिकरी बॉर्डर मोर्चे पर अनेक कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
मौसम की मार के बाद भी किसान लगे पुनर्निर्माण में।
शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर मौसम की मार से भारी संख्या में किसानों के तम्बू आदि उखड़ गये और काफी नुकसान हुआ है। शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर बार-बार लगातार मौसम की मार पड़ रही है,बार-बार किसानों के तम्बू उखड़ रहे हैं परंतु हर बार किसान इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए पूरे हौसले और जोश के साथ डटकर खड़े हुए हैं। आज भी सभी किसान साथी अपने रहवास के तंतुओं, लंगर आदि की साजो संभाल और पुनर्निर्माण करने में जुटे हुए है।
आंदोलन के बीच रोजा इफ्तार का दौर पांचवें दिन भी जारी
रोजा इफ्तार में मौलाना दिलशाद, अमजद भाई, फजरु भाई, साजिद भाई,अब्दुल भाई,राजाराम मील,बलवीर छिल्लर,पेमाराम,छगन चौधरी,तारा सिंह सिधु, डॉ.संजय”माधव”,हरफूल सिंह,कालू थोरी, शोपतराम,भागीरथ नेतड , प्रहलाद मांडोता, काला सिंह, ज्ञानी राजवीर सिंह, बाबा जैमल सिंह, बाबा सुखदेव सिंह, हृषिकेश कुलकर्णी, आनन्द यादव, पृथ्वी सिंह, जापान सिंह व विश्वजीत सिंह समेत कई साथी शामिल हुए।
आमसभा का आयोजन नहीं करके समूहों में बैठकर चर्चाओं के माध्यम से वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों, कोरोना, पांच राज्यों के चुनाव और किसानों के आंदोलन की आगे की रणनीति पर चिंतन मनन किया।
समूह चर्चाओं में नेताओं के ब्यानों की भी व्याख्या की गई- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि मानवता के आधार पर किसानों को धरना उठा लेना चाहिए, वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चैटाला ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ शुरू हुआ था। हरियाणा सरकार के नुमाइंदों ने मानवता को शर्मसार करते हुए लगातार किसानों पर लाठीचार्ज, वाटर केनन, आसूं गैस, गिरफ्तारी व बेरहम बयानबाजी की। शहीद किसानों का लगातार अपमान किया गया। सिरसा में शहीद स्मारक तोड़ दिया गया। कल ही हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया व कई किसानों को हिरासत में लिया गया। जो नेता किसानों पर हमेशा तरह तरह के अमानवीय हमले करते रहे वे किसानो को अब मानवता का पाठ पढा रहे है। यह अपने आप में बहुत ही हास्यास्पद प्रतीत होता है। देश के किसान हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को सीधे तौर पर कहना चाहते है कि जिस बर्बरता के साथ उन्होंने किसान आंदोलन को बदनाम किया है, वे मानवीय आधार पर अपने पदों से तुरंत इस्तीफा दे।
यूनियन के नेता सिन्हा की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया किसानों ने
ट्रेड यूनियन नेता अचिन्त्य सिन्हा (75 वर्ष) की कल कोरोना से कोलकाता में हुई मौत पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने गहरा शोक व दुख प्रकट किया।*
उन्होंने लगातार संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों समेत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिका, मिड डे मील, आशा वर्कर एवं अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों के संगठनों व आन्दोलनों का मार्गदर्शन किया था।