पाकिस्तान की सीमा से लगती बीकानेर जिले की श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र की राजस्थान में विकास के मॉडल के रूप में नई पहचान बनी है। पहले श्रीकोलायत पिछड़े इलाके के रूप में या कपिल सरोवर अथवा देवी सिंह भाटी के प्रतिनिधत्व वाले इलाके के रूप में भी पहचाना जाता रहा है। यह नई पहचान इलाके में जन जीवन का स्तर सुधारने, आधारभूत संसाधन, चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं का विस्तार। सड़क, बिजली, पानी जैसे संसाधनों के विस्तार के कारण मिली है। हालांकि श्रीकोलायत विधानसभा का प्रतिनिधि ज्यादातर राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2018 से 2022 की अवधि में राज्य सरकार की ओर से किया गया विकास मील का पत्थर है। इसका निसंदेह श्रेय मंत्री भंवर सिंह भाटी को जाता है। अपने मंत्रित्व काल में भंवर सिंह भाटी ने जिस प्राथमिकता से काम करवाएं है उनको राजस्थान में अपने अपने क्षेत्र के विधायकों की ओर से करवाए गए कामों में मॉडल के रूप में देखा जाता है। श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र में नया उपखंड कार्यालय, पंचायत समिति, उप तहसील, ग्राम पंचायतें भी बनाई गई। बज्जू में तहसील के पुनर्गठन के साथ सात भू अभिलेख निरीक्षक वृत, 23 नए पटवार मण्डल गठित किए हैं। इससे राजस्व एवं कृषि भूमि के कार्य शीघ्रता से हो सकेंगे। श्रीकोलायत सरोवर के घाटों, मंदिरों का जीर्णोद्धार, ओपन एयर थियेटर, ग्रीन रूम, ट्यूरिस्ट फेसिलिटेशन सेंटर, टायलेट ब्लाक, आर ओ पेयजल, साइनेज बोर्ड, डस्टबिन, गारबेज कलेक्शन विकास होना है। सरोवर को नहर से जोड़ना प्रस्तावित है। स्कूल, कालेज, अस्पताल की श्रीकोलायत के गांवों के बीच दूरियां घट गई है। जनता मानती है और विकास का फायदा हर जन को मिला है। श्रीकोलायत की अब नई तस्वीर बन गई है। तभी तो श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र राज्य में विकास का मॉडल बना है और जन प्रतिनिधि जनता में विकास के सिरमौर। अच्छे काम को तो दुश्मन भी सराहेगा ही।