– इमामी ग्रुप के आध्यात्मिक विशेष आयोजन में शामिल हुए कई राष्ट्रीय संत
– राधेश्याम अग्रवाल व राधेश्याम गोयनका ने कभी इसी कोठी से की थी कैरियर की शुरुआत
( सच्चिदानंद पारीक)

कोलकाता. बड़ाबाजार के मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट स्थित 200 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक मल्लिक कोठी को पांच दिनों तक लगातार पूजा-अर्चना के कार्यक्रमों के बाद अंतत: शुक्रवार को श्री सिद्धि विनायक के श्रीचरणारविंद में अर्पण कर दिया गया. इमामी ग्रुप के राधेश्याम अग्रवाल व राधेश्याम गोयनका (दो मित्रों)ने इसी मल्लिक कोठी के एक तल्ले में स्थित दो सौ स्क्वायर फीट की ऑफिस से 1968 में अपनी
औद्योगिक यात्रा का श्रीगणेश (शुभारम्भ) किया था. तदन्तर व्यापार में लगातार मिलती गई सफलता के बाद उन्होंने इस कोठी को मल्लिक परिवार से खरीद लिया. भगवान श्री गणपति की इस कृपा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए इस स्थली को पूर्व में सामाजिक सेवा कार्यों के संचालन हेतु उपयोग में लेते हुए आखिरकार इसे भगवान श्री गणेशजी के ही श्रीचरणों में समर्पित कर दिया गया.देवस्थान के अर्पण समारोह के अवसर पर स्वामी श्री चिदानंद सरस्वतीजी, स्वामी श्री गोविंद देव गिरिजी, श्रीकांत शर्माजी ‘ बालव्यास’ , श्री अनुराग कृष्ण शास्त्री कन्हैयाजी जैसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित कथाकार-संतों ने हिस्सा लिया.

सभी ने इमामी ग्रुप के राधेश्याम अग्रवाल व राधेश्याम गोयनका की इस आध्यात्मिक-सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि धन -संपति तो सभी अपने परिजनों के सुख के लिए संजोकर रखते है मगर इमामी ग्रुप के संचालकों ने प्रभु कृपा और संस्कार की जो अनमोल संपति को संजोया है उसका लाभ इस परिवार की पीढ़ी दर पीढ़ी को मिलता रहेगा. स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज नेकहा -हम जिनकी कृपा से जीवन में कुछ पाते है उन्हें ही आखिर भूल जाते है.मगर इमामी ग्रुप के संचालकों ने इसे याद रखा और मल्लिक परिवार से इस कोठी को खरीद कर भगवान श्री गणपति को ही इसका मालिक बना दिया. स्वामी श्री गोविंद देव गिरिजी ने भगवान श्री गणेश के स्वरुप का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि हमारे ग्रंथों में भगवान श्री गणेश को ओमकार स्वरुप माना गया है. जब तक गणपति का पूजन नहीं होता कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता. इसलिए भगवान श्री गणेश का पूजन तो सर्वप्रथम किया ही जाना चाहिए.श्री अनुराग कृष्ण शास्त्री कन्हैयाजी ने कहा कि मैं आराधना करता हूं श्री राधा माधव युगल बिहारी सरकार की जहां एक प्राण दो देह है. मुझे श्री राधेश्याम अग्रवाल व गोयनकाजी को देखकर यही स्मृति होती है दिखने में दो है मगर वास्तविकता में एक है. कन्हैयाजी ने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि यहां दर्शन करने आने वाले भक्तों पर गणेशजी की कृपा निश्चित रुप से होगी. आयोजन में राज्य के मंत्री तापस राय, विधायक स्मिता बक्सी, पूर्व विधायक संजय बक्सी, वरिष्ठ पत्रकार विश्वम्भर नेवर, पार्षद विजय उपाध्याय व पार्षद संतोष पाठक ने आयोजन में विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करायी.राधेश्याम गोयनका ने स्वागत भाषण दिया. सुशील गोनयका ने सहयोगी सभीजनों का आभार जताया. आयोजन की शुरुआत समृद्ध मराठी शब्दावली से सजे भगवान श्री गणेशजी की आरती से हुई.कार्यक्रम का संचालन दुर्गा व्यास ने किया.

आदित्य अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद दिया. मोहन गोयनका व धीरज अग्रवाल ने बताया कि मंदिर आम जनसाधारण के लिए प्रतिदिन प्रात: 6 बजे से 12.30 और सायं 4.30 से 9 बजे तक खुला रहेगा. महाराष्ट्र के पुरोहितों के सान्निध्य में प्रतिदिन ही प्रात : 6 , 7 सायं 7 और 9 बजे आरती का आयोजन होगा.