संगीत मनीषी डॉ. मुरारी शर्मा स्मृति कार्यक्रम – वनस्थली के सुजीत देवघरिया ने वायलिन पर राग भूप पर कल्याण प्रस्तुत कर भावविभोर किया

      बीकानेर ,( कविता कंवर राठौड़ )। विरासत संवर्धन संस्थान तथा म्यूजिक एंड इमोशन ग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में टी. एम. ऑडिटोरियम, गंगाशहर में संगीत मनीषी डॉ.मुरारी शर्मा को समर्पित “शास्त्रीय संगीत सभा” का आयोजन किया गया ।

          कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध वायलिन वादक वनस्थली विद्यापीठ के प्रो. डॉ सुजीत देवघरिया ने वायलिन पर बड़ा ख्याल तथा छोटा ख्याल राग भूप तथा शुद्ध कल्याण प्रस्तुत किया । देवघरिया ने वायलिन पर “वैष्णव जन को तेने कहिए” भी प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर किया । देवघरिया ने संस्थान के विद्यार्थियों को संगीत साधना और नियमित रियाज के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किया ।  कार्यक्रम में  विरासत संवर्द्न संस्थान के प्रशिक्षक प.पुखराज शर्मा ने अपने गुरु डॉ. मुरारी शर्मा को स्वरांजलि प्रस्तुत करते हुए मांड गीत “केसरिया बालम” तथा भक्ति रचना प्रस्तुत की ।  कार्यक्रम में चंद्रशेखर सांवरिया ने गजल “रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का ” पेश की ।  कार्यक्रम में ललित रतावा,  सुमन शर्मा ने भी अपनी रचनाhएं प्रस्तुत की । तबले पर उस्ताद गुलाम हुसैन ने संगत की । कार्यक्रम में चित्रकार- संगीत कलाकार दीनानाथ पटवा “दीनू पेंटर” को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।कार्यक्रम का संचालन राज भारती शर्मा ने किया ।