बीकानेर । शब्द श्री साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित शब्द श्री शख्सियत कार्यक्रम की छठी श्रृंखला के तहत होटल राजमहल के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर कृष्णा आचार्य के व्यक्तित्व-कृतित्व पर कवयित्री मोनिका गौड़ ने संवाद किया । डॉ. कृष्णा ने साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने छोटी उम्र में गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए विपरित परिस्थितियों में अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की । जिसका श्रेय डॉ. कृष्णा ने अपने माता को देते हुए बताया कि उनकी बदौलत ही मैं जीवन में आगे बढ़ पाई । अब तक 26 पुस्तकें लिख चुकी कृष्णा ने बताया कि मैंने अपनी पढ़ाई आगे जारी रखते हुए यह मुकाम प्राप्त किया है । पति का समर्पण भाव एवं संतान आज्ञाकारी होने की वजह से एक के बाद एक सफलता प्राप्त करती गई । कार्यक्रम का संचालन संस्था की सचिव श्रीमती मनीषा आर्य सोनी ने किया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ व्यंग्यकार प्रो. डॉ अजय जोशी ने दीप प्रज्वलित कर किया । संवाद के पश्चात डॉ. कृष्णा आचार्य के राजस्थानी काव्य संग्रह “इक्कीस कीरत कवितावां” का विमोचन महिला लेखिकाओं द्वारा किया गया । वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर बसंती हर्ष, सरोज भाटी, इंदिरा व्यास, मुक्ता तैलंग ने डॉ. कृष्णा आचार्य को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकार श्री राजाराम स्वर्णकार, हास्य कवि बाबू बम चकरी, साहित्यकार राजेन्द्र जोशी, गिरीराज पारीक, जाकिर अदीब, पत्रकार नासिर जैदी एवं रंगकर्मी मंदाकिनी जोशी ने लेखिका के रचनाकर्म की प्रसंशा करते हुए पुष्प गुच्छ भेंट कर बहुमान किया। संवाद कार्यक्रम में नगर के लब्धप्रतिष्ठित सृजनधर्मीयों ने प्रतिभागिता की।