जयपुर।सचिन पायलट ने जन संघर्ष यात्रा के मंच से खुद की राजनीतिक दक्षता को साबित कर दिया है। अब तक गहलोत के सभी चालों और दावों को मात दे दी है। एआईसीसी, कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं, जनता के सामने नए सिरे से उभरकर आए हैं। गहलोत को चुनौती दी है कि 15 दिनों में वसुंधरा के खिलाफ भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच, राजस्थान लोक सेवा आयोग में आमूल चूल परिवर्तन और पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को क्षतिपूर्ति तीन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इस मंच पर गहलोत सरकार पर भी वक्ताओं ने खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। पायलट ने इसी मंच से आज तक उन पर लगाए गए आरोपों का जनता को साक्षी रखकर स्पष्टीकरण दिया। और अपना इरादा जाहिर किया कि वे अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। न डरेंगे न दबेंगे। खुद पायलट समेत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ्ढा, हेमा राम चौधरी ने गहलोत सरकार की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पायलट हम किसी नेता के खिलाफ नहीं है। बल्कि भ्रष्टाचार, पेपर लीक मुद्दे को लेकर चल रहे हैं। ये मुद्दे हम उठाते रहेंगे। राहुल गांधी की पद यात्रा के तर्ज पर पायलट की जन संघर्ष यात्रा ने राजस्थान की राजनीति का मूड बदल दिया है। राजस्थान कांग्रेस में सचिव गजेंद्र सांखला ने पांच दिन की यात्रा वृतांत में जनता का जोश, पायलट को भारी जन समर्थन तथा पायलट की भविष्य की राजनीति में निर्णायक मोड़ बताया है। राजस्थान कांग्रेस में अभी भी कई उतार चढ़ाव आने हैं। पायलट अभी भी रहस्य समेटे हुए हैं। विवाद का निर्णायक मोड़ बहुत जल्दी आता नहीं दिखाई दे रहा है। सत्ता और कुर्सी पाने का यह द्वंद गहलोत, पायलट, वसुंधरा और भाजपा के केंद्रीय नेताओं के बीच अभी और बढ़ना है।