

हनुमानगढ़,विश्व भर में भारत वर्ष अध्यात्मिक क्षेत्र में अग्रणीय है और था, यदि बात अध्यात्म क्षेत्र की की जाए तो भारत विश्व गुरु था, प्राचीनकाल से ही सतगुरु का बड़ा महत्व है यदि हम अध्यात्म की बात करें संत महंतों या अनेक गुरुओं का नाम देखने को मिलता है, आध्यात्मिक में भक्ति मार्ग बताने वाले कई गुरु संत आचार्य हुए है लेकिन आजकल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अपने प्रवचनों को लेकर सुर्खियों में है क्योंकि उनका ज्ञान शास्त्र के अनुकूल है।
जिला हनुमानगढ़ के रावतसर शहर के नोहर रोड स्थित नारायण टावर में मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट कुरुक्षेत्र हरियाणा की ओर से संत रामपाल जी महाराज का सत्संग प्रवचन एलईडी के माध्यम से संपन्न हुआ, जिसमें संत जी ने पवित्र धर्म ग्रंथों को सत्संग का आधार बनाकर सद ग्रंथों में छुपे हुए गूढ़ रहस्यों को जनमानस के सामने उजागर किया, आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में परमात्मा के विधान से अपरिचित होने के कारण यह प्राणी इस दुखों के घर संसार में कष्ट झेल रहा है इन दुखों से छुटकारा पाने का एकमात्र समाधान सत्य भक्ति है,
जो प्राणी शास्त्र के अनुकूल सत्य भक्ति करता है और पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर वह इस कष्ट और दुखों से छुटकारा प्राप्त कर मनुष्य जन्म में सुख प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त होता है, आज सत्संग को सुनकर कई लोगों ने संत जी से नाम दीक्षा ली, और संत जी के मार्गदर्शन पर चलने का संकल्प कर बुराइयों नशा आडंबर, पाखंडवाद का त्याग किया।
जिला संयोजक पवन दास स्वामी, और ने बताया कि संत जी के मुख्य उद्देश्य मनुष्य को सत भक्ति प्रदान करना शास्त्र के अनुकूल और कबीर साहिब जी के बताए हुए पद चिन्हों पर चलकर पाखंडवाद ,आडंबर, नशा चोरी ,रिश्वतखोरी ,दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा को संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में ज्ञान से आधार पर धीरे-धीरे समाज से समाप्त की जा रही है, तहसील सेवादार कृष्ण दास मोहनलाल दास अशोक दास आदि ने सत्संग में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय पानी की व्यवस्था अन्य सेवादारों द्वारा संचालित और संभाली गई ।