काम कर गई अर्जुन की कथा

देश-प्रदेश के ताजा सियासी माहौल में रामायण काल की कथाओं और प्रसंगों का जबदरस्त क्रेज नजर आ रहा है। ऐसे में मौका मिलने पर हमारे केन्द्रीय मंत्री अर्जुन ने भी पिछले माह बीकानेर प्रवास पर आये सीएम भजनलाल को रामायण काल से जुड़ा एक प्रसंग सुना दिया । दरसअल,सीएम सॉब ने बातों बातों मे ंपूछ लिया कि आपके इलाके की धरती रेतीली क्यों है,तो अर्जुन ने श्रीराम-रावण युद्ध से जुड़ा अमोघ बाण वाला प्रसंग सुना दिया। प्रसंग सुनने के बाद सीएम सॉब भी इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होने बीकानेर में मरूधरा में उगने वाले औषधीय पौधों पर शोध के लिये रिसर्च सेंटर खोलने तैयारी शुरू करवा दी। इसकी खबरें वायरल होने के बाद भाजपा मंडली कई नेता हमारे सीएम सॉब को प्रभावित करने के लिये अपने इलाकों में रामायण काल से जुड़ी कथाओं और प्रसंगों का फीडबेक देने में जुट गये है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।

कूल माइण्ड रहने में ही भलाई

प्रदेश की सरकार बदलने के बाद प्रशासन के अफसरों का तबादला तो हो गया,मगर आईजी एसपी रैंक वाले अफसरों की तबादला की सूचियंा अभी तक अटकी हुई है। सिस्टस में जुड़े सूत्रों की मानें तो जल्द ही जारी होने वाली इन सूचियों के बाद खाकी फौज में खासा बदलाव हो जायेगा और पिछली सरकार के मंत्रियों और नेताओं की मेहरबानी से मलाईदार पोस्टो पर लगे कई नामदार पुलिस अफसर ठंडे में लग जायेेगें। हालांकि खाकी फौज के कई मास्टर माईण्ड अफसरों ने मलाईदार पोस्टों के लिये अपनी सेटिंग बैठा ली है,मगर नयी नई सरकार में सेटिंग वालों का खेल बिगड़ते देर नहीं लगता,ऐसे में सेटिंग वाले अफसर अपनी पोस्टिंगों को लेकर कूल माइण्ड रहने में अपनी भलाई समझ रहे है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

फिके लगने लगे अपनी दुकान के पकवान

अयोध्या में विरोजे रामलला की सारी चमक भाजपा ने अपने दामन में समेट ली,कांग्रेस वालों को जयकारें लगाने का मौका भी नहीं दिया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा ने अयोध्या एपिसोड की सारी स्क्रिप्ट लोकसभा चुनावों के लिये ही लिखी थी और एपिसोड का लाईव प्रसारण इस कदर शानदार अंदाज में किया कांग्रेसी सिवाय दर्शक बनने के अलावा कुछ नहीं कर सके। मजेदार बाद तो यह है कि भाजपा के अयोध्या एपिसोड के बाद कांग्रेस वालों को अब अपनी दुकान के पकवान फिके लगने लगे है, मगर फिलहाल सब खैरियत है।

कोप भवन से बाहर नहीं आ रही महारानी

राजस्थान में पर्ची वाले प्रकरण के बाद अपने कोप भवन में बैठी भाजपा की महारानी ना तो सरकारी कार्यक्रमों और ना ही संगठन की मिटिंगों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है । इतना ही नहीं बदले हुए सियासी माहौल में सत्ता और संगठन से जुड़े उनके सिपहासालारों ने भी अब दरबार में आना-जाना कम कर दिया है। लेकिन महारानी साहिबा इससे विचलित नहीं है,वे सियासत की बड़ी खिलाड़ी है। उन्हे अच्छे से पता है कि कब क्या करना है। ऐसे में माना जा रहा है कि महारानी का अगला स्टेप लोकसभा चुनावों की जंग में चाय के प्याले में तुफान लाने वाला साबित हो सकता है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।

ग्राम विकास अधिकारी बना अंगद का पांव
बीकानेर जिले की ग्राम पंचायत जसरासर में सिस्टम को चुनौति देकर सत्रह साल से जमे बैठे ग्राम विकास अधिकारी को पंचायत के लोगों ने अंगद के पांव का दर्जा दे रखा है। मजे कि बात तो यह है कि इसके खिलाफ घोटालों और भ्रष्टाचार लंबी फेहरिश्त होने के बावजूद सिस्टम का कोई माई का लाल इसे ग्राम पंचायत से हिला नहीं पाया है। सत्रह साल के कार्यकाल में प्रदेश की सरकारें तक बदल गई लेकिन जसरासर से इस बंदे की बदली कोई भी सरकार नहीं कर पायी। प्रभू जाने इस बंदे में ऐसी क्या खासियत है कि सिस्टम का बड़े से बड़ा अफसर भी इसके खिलाफ शिकायतों की फाईलों में हाथ नहीं डालता। ग्राम विकास अधिकारी जमात की सबसे मालदार आसामी बने इस बंदे की आय से ज्यादा संपति अर्जित करने की शिकायत का मामला भी खासा सुर्खियों में है मगर फिलहाल सब खैरियत है।