बदले-बदले नजर आ रहे सीएम सॉब
लोकसभा चुनावों के रिजेल्ट ने हमारे सीएम साब के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। साब को शत प्रतिशत उम्मीद थी कि इस बार भी राजस्थान का रिजेल्ट एमपी-गुजरात से बेहतर रहेगा,पर मामला उलट पड़ गया और पच्चीस सीटें सिमटकर चौदह पर अटक गई। दरअसल,सीएम साब ने इस बार रिजेल्ट से एक दिन पहले प्रदेश मुख्यालय पर जबरदस्त जश्र की तैयारियां कर रखी थी,सबको न्यौते भी भेज दिए गयेे थे। लेकिन रिजेल्ट डाउन जाने के बाद उन्होने जश्र कैंसिल कर दिया और उनके मिजाज में भी थोड़ी गरमाहट आ गई। इस एपिसोड के बाद सॉब ना सिर्फ बदले बदले नजर आ रहे बल्कि काफी कुछ बदलने की मूंड में भी है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
सिस्टम में भारी उथल-पुथल के संकेत
चुनावी रिजेल्ट के बाद सिस्टम के गलियारों में भी खासा सन्नाटा सा देखने को मिल रही है। दरअसल,रिजेल्ट के असर से सिस्टम में भारी उथल-पुथल की संभावना है। इसके चलते बड़े फेरबदल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। पता चला है कि हार वाली सीटों के जिला मुख्यालयों से लेकर तहसील मुख्यालय तक सिस्टम की टीम में बदलाव होगा। हालांकि हमारे बीकानेर का रिजेल्ट राहतकारी रहा है,लेकिन सत्ता के कई स्थानीय नेताओं की आंखों में खटक रहे सिस्टम के अफसरों को नंबर लग सकता है,मगर इसके लिये अभी तीन-चार माह का इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
एंटी वायरस एक्टिव
इस बार बाल-बाल बची बीकानेर संसदीय सीट का रिजेल्ट आते ही भाजपा के एंटी वायरल पूरी तरह एक्टिव मोड़ में आ गये है,जो मंत्री से लेकर सत्ता के विधायकों की सियासी जड़े खोदने में जुट गये है । इनमें कई वायरल तो ऐसे भी है, जो बीकानेर संसदीय सीट के दुष्परिणाम की माला जप रहे थे,लेकिन परिणाम शुभ आया इसलिये हजम नहीं कर पा रहे है,अब कम वोटिंग के आकंड़ो से सत्ता और संगठन से जुड़े मंत्री,विधायकों और उन नेताओं की कारसेवा कराने में जुटे है जो चुनावी जंग में अर्जुन के खास सिपहासालार बने हुए थे। मगर फिलहाल सब खैरियत है।
दिखने लगा ऑपरेशन डिकॉय खौफ
प्रदेश में कई सरकार आई और गई लेकिन एक भी सरकार ऐसी नहीं आई जो थानों का ढर्रा बदल सके। लेकिन इस बार पुलिस मुख्यालय से आये सख्ती के फरमान ने थानों का ढर्रा खासा बदल दिया है। इसके चलते बीते तीन दिनों से दारू के ठेके शाम आठ बजे ही तालो की आगोश में शमा जाते है। दरअसल,विक्टर साब ने तमाम टाईगरों को ऑपरेशन डिकॉय के निर्देश दे रखे है । इसके तहत अगर रात आठ बजे बाद किसी ठेके पर शराब बिकती नजर आती है तो उस थाना इलाके के थानेदारों को निपटा दो। विक्टर के इस फरमान का असर अब जिला पुलिस मुख्यालयों से लेकर थानों और दूर दराज के ठेकों तक नजर आ रहा है,थानेदार खुद ठेके बंद कराने पहुंच रहे है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।