राज्यसभा रेस में चमका भामाशाह का नाम

राजस्थान में राज्यसभा चुनावों के लिये शुरू हुई सियासी सरगर्मियों के बीच भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की रेस में नोखा वाले भामाशाह का नाम सोशल मीडिया पर चमकदार अंदाज में वायरल हो रहा है। दरअसल,गौसेवा के साथ साधू-संतों से गहरा स्नेह रखने वाले इंटिरियर जगत के भामाशाह ने अभी कुछ दिन पहले ही सीएम भजनलाल से औपचारिक भेंटवार्ता की थी,अभी हाल में उनकी गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी भेंटवार्ता का फोटो मीडिया में आ गया। इससे सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होना शुरू हो गई कि भाजपा,नोखा वाले भामाशाह को राज्यसभा चुनावों में उतारने जा रही है। हालांकि भामाशाह ने इस मामले किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है,लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों के बाद उन्हे बधाईयां देने वालों का तांता लग गया है,इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

बड़ी सर्जरी से बदल गया थानों का पैटर्न

नोखा थाने में हुए डर्टी एपिसोड के बाद कप्तान साहिबा की ओर से की गई बड़ी सर्जरी की सनसनाहट बीकानेर के थानों में अभी तक महसूस हो रही है । सर्जरी के असर से थानों में महिला पीडि़तों की ओर घूर कर देखने वालों का रवैया भी अब बदल गया है,सुनवाई में भी लेडिज फस्र्ट का पैटर्न अपनाया जाने लगा है। इतना ही नहीं महिलाओं से जुड़े मामलों की फाईलें अब सीधे एसएचओं की टेबल पर पहुंचने लगी है। थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों के एंगल भी अब टॉप पॉजिशन फोकस कर दिये गये है। खास बात तो यह है कि महिला पीडि़तों को बयानों के लिये अब थाने नहीं बुलाया जा रहा बल्कि पुलिस खुद उनके घर बयान लेने पहुंच रही है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

एक जाल में फंस गई दो मछली

बीकानेर में एसीबी के ऑपरेशन यूआईटी के बाद घूसखोरों की जमात में जबरदस्त हडक़ंप सा मचा हुआ है । इसका सबसे ज्यादा असर सब रजिस्ट्रार ऑफिस में देखने को मिल रहा है,जहां घूस लेना रोजमर्रा के पैटर्न में शामिल है। दरअसल टीम एसीबी ने शुक्रवार को सर्जिकल स्ट्राइक के अंदाज में कार्यवाही कर यूआईटी के एकांउट सैक्शन में जमे बैठे एक नहीं बल्कि एक साथ दो घूसखोरों को धर दबोचा। मजे कि बात तो है कि एसीबी के हत्थे चढ़े दोनों ही घूसखोर अपनी उत्कृष्ठ सेवाओं के लिये राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानित भी हो चुके है। इनमें सिनियर घूसखोर एएओ गणेश ललवाणी तो एक बार पहले भी एसीबी की रडार में आने से बाल-बाल बच चुका है। जबकि कैशियर मनीष खत्री ने अपने सिनियर एएओ ललवाणी की संगत में आने के बाद ही अपने हाथ खोले थे। एसीबी ने अब दोनों एक साथ बड़े घर पहुंचा दिया गया है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

पूर्वमंत्री के गलियारों पहुंच रही है लपटें!

बीकानेर के छत्तरगढ़ इलाके में दलालों,भू-माफियाओं और अफसरों की सांठगांठ से हुए करोड़ों रूपये की सरकारी जमीनों के फर्जी आवंटन के मामले को लेकर उठ रही लपटें अब पिछली सरकार के खाजूवाला मंत्री के गलियारों तक पहुंचती दिख रही है। खबर है कि फर्जी आवंटन के इस बहुचर्चित मामले की शिकायत पुख्ता साक्ष्य सबूतों के साथ पिछली सरकार के सीएमओं तक पहुंच गई थी,लेकिन पूर्व खाजूवाला मंत्री ने मामला दबवा कर कई जमीनों का आवंटन अपने चेहतों के नाम करवा लिया। वैसे अब इस मामले की सारी परतें ही पूर्व खाजूवाला मंत्री को टारगेट में लेकर उघेड़ी जा रही है,क्योंकि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के पास बीकानेर संसदीय सीट से खाजूवाला मंत्री के अलावा कोई दूसर दावेदार ही नहीं है। इसलिए मामले की परतें उघेडनें में हमारे केन्द्रीय कानून मंत्री भी अपनी सक्रियता दिखा रहे है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।

अबकी नहीं गल रही दाल!
प्रदेश के सत्तायी गलियारों में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले चापलूस ब्रांड कई अफसर इन दिनों मायूस हुए घूम रहे है। दरअसल,हर सरकार के राज में मंत्रियों के स्टाफ में शामिल होने की कला में माहिर इन अफसरों की सारी कोशिशें इस बार नाकाम साबित हो रही है। मजे कि बात तो यह है कि अपने स्टाफ में शामिल करने के लिये मंत्रियों की सिफारिशें भी काम नहीं कर रही है। इससे निराश हुए चापलूस ब्रांड अफसरों ने अपने मूल विभागों में आमद दर्ज करानी शुरू कर दी है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।