

– डॉ कल्ला ने समीक्षा कर दिए निर्देश
बीकानेर , 8 मई। ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा है कि जिले में लॉक डाउन के दौरान समस्त अनुमत कार्य व्यवस्थित रूप से चालू हो जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। डॉ कल्ला ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इसके मद्देनजर यह आवश्यक है कि जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जिन कार्यों की अनुमति दे दी गई है वे बिना किसी बाधा के क्रियाशील हो जाए । औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर स्थित जिन उद्योगों को 4 मई से संचालन की अनुमति दी गई है उनमें श्रमिक कार्यस्थल पर रहकर ही काम करें यह सुनिश्चित किया जाए, साथ ही रीको और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी संचालित औद्योगिक इकाइयों में अधिकारी समय-समय पर भ्रमण कर कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम एडवाइजरी की अनुपालना सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी एक जिले से दूसरे जिले तक श्रमिकों को लाना हो तो वन टाइम ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति दे दी गई है। इस संबंध में प्रशासन पास जारी करें।


डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में गुणवत्ता परक चिकित्सा सुविधाओं की सुलभ उपलब्धता के साथ- साथ अस्पताल में आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने के लिए तकमीना बनाकर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसी संदर्भ में सभी प्लानिंग कर पीबीएम की कायापलट की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर इस अस्पताल में साफ-सफाई, पेयजल सहित आधारभूत ढांचे के विकास के लिए डीएमएफटी फंड से भी पैसा जुटाए।


ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अस्पताल में संभाग सहित अन्य राज्यों से भी मरीज आते हैं। अतः साफ-सफाई और उच्च स्तरीय जांच सुविधाओं की उपलब्धता के साथ साथ यहां आने वाले मरीजों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुलभ रहे यह भी सुनिश्चित किया जाए।
जरूरी शल्य चिकित्सा हो प्रारंभ
डॉ कल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करते हुए आवश्यक शल्य चिकित्सा इकाइयों को प्रारंभ कर दिया जाए। अस्पताल में कैंसर सहित अन्य मरीजों को भी उचित इलाज मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्यय यूनिट्स में आने वाले मरीज कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षित रहे इसके लिए मास्क , सैनिटाइजर सहित साफ-सफाई और हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मंत्री ने संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्य की सराहना की और कहा कि प्रशासन की मुस्तैदी से बीकानेर रेड जोन से बाहर निकल सका। वर्तमान में यहां केवल एक कोरोना पॉजिटिव इलाज रत है। इसके लिए टीम के तौर पर काम करना प्रशंसनीय रहा है। समन्वित प्रयासों से बीकानेर जिला अब सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में लगे स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए जाएं।
डॉ कल्ला ने कहा कि आने वाले समय में अन्य राज्यों से प्रवासियों के आने की संभावना के मध्य नजर यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाले सभी लोगों की जांच की जाए और उन्हें क्वॉरेंटाइन रखा जाए जिससे जिले में एक भी संदिग्ध के प्रवेश करने की स्थिति में इस बीमारी के संक्रमण को रोका जा सके।
डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि आमजन इस बीमारी से डरे नहीं बल्कि पूरी सतर्कता के साथ अनुमत कार्य पर लौटें, एडवाइजरी की पालना करें , भीड़ जमा करने और भीड़ में जाने से बचें।
हेडपंप और ट्यूबवेल रहे क्रियाशील
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि जिले के समस्त ट्यूबवेल और हेड पंप चालू स्थिति में रहे, इसके लिए अगर किसी तरह के कार्य करवाने हांे तो उसके लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत भारत-पाकिस्तान सीमा से लगते गांव में भी ट्यूबवेल और हेडपंप की जरूरत के मुताबिक स्थापित किया जाए । उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए सभी मंडियों में आवश्यक व्यवस्थाएं रहनी चाहिए तथा कास्तकार जब सामान बेचने आए तो कोरोना की रोकथाम के लिए जारी एडवाइजरी की पालना होनी चाहिए।


समस्त क्षेत्र में हो सैनेटाइजेशन
डॉ कल्ला ने कहा कि इस तरह से व्यवस्था की जाए की पूरे शहर ऐसी व्यवस्था हो, राउण्ड द क्लाॅक व्यवस्था ऐसी हो कि एक निश्चित दिन के बाद सारे शहर में सैनिटाइजेशन निर्वाद्ध रूप से होता रहे। विशेषकर ऐसे स्थान जहां पर पानी एकत्रित होता हो उस पर विशेष फोकस किया जाए चांदमल बाग और गंगाशहर जैसे एरिया में जहां पानी एकत्रित होता है, वहां और बेहतर तरीके से सैनेटाइजेशन का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोक डाउन में और छूट दी जाएगी, ऐसे में स्थानीय फड़ बाजार सहित अन्य स्थानों पर जहां ज्यादा संख्या में ठेले आदि लगते हैं या पास-पास दुकानें हैं वहां ऐसी व्यवस्था की जाए कि भीड़ ज्यादा न हो।
बैठक में जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भामाशाह और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अब तक 1 लाख 35 हजार से अधिक सूखे राशन के किट वितरित किए गए हैं। जबकि लाॅक डाउन लगने से लेकर अब तक 17 लाख 88 हजार भोजन के पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मनरेगा में वर्तमान में 40 हजार से ज्यादा श्रमिक कार्यरत हैं। आने वाले 15 दिनों में यह संख्या एक लाख कर दी जाएगी। यहां प्रति श्रमिक प्रतिदिन 190 से 200 रूपए की मजदूरी मिल रही है। उन्होंने बताया कि जिले में टिड्डी के संभावित खतरे को देखते हुए संपूर्ण व्यवस्था कर ली गई है इसके लिए उपकरण आदि समुचित संख्या में उपलब्ध है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा आयुक्त नगर निगम डॉ. खुशाल यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच. गौरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुनीता चैधरी, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज डॉ. एस. एस. राठौड़. पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम सहित पानी, बिजली, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
