गंगाशहर ।अरिहंत भवन में जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा. ने कहा कि हर समस्या के समाधान के 3 तरीके हैं, या तो समस्या को स्वीकार करलो या बदल दो या छोड़ दें।
अगर स्वीकार नहीं कर सकते तो बदल दें और अगर बदल नहीं सकते तो बेहतर उसे परमात्मा के भरोसे छोड़ दें ।
आचार्य जी ने समझाया कि- जो भी स्थिति आपको प्राप्त है, उसे अगर बदल नहीं सकते तो स्वीकार कर लो ।
अपने भाग्य का प्रसाद मानकर उसे दिल से अपना लेना ही प्रसन्नता का राज है। आज आदमी यह न मानने के कारण जरा जरा सी बातों में झगड़ पड़ता है जिससे पति-पत्नी में तलाक हो जाते हैं ।
आचार्य श्री जी ने कहा- संयम से बड़ा कोई मार्ग नहीं है । अनाथी मुनि के आंखों के भयंकर वेदना संयम लेने के संकल्प से ठीक हो गई ।
इसी प्रकार यदि छोटे बड़े नियमों का दृढ़ता से पालन करने पर साधक बड़े-बड़े संकटों से बच जाता है।
स्थानीय अध्यक्ष डॉ नरेश गोयल राजेश गोयल सबिता गोयल सनोज लुनावत शर्मिला लुनावत अनुसार भारी मात्रा में भक्तों का आवागमन जारी हो चुका है। 26 मार्च सवेरे तक देशभर से करीब एक हजार से ऊपर भक्त पहुंच रहे हैं। 26 मार्च को सवेरे हंसा पैलेस में करीब एक हजार भाई-बहिन, एक साथ 5-5 सामायिक करके 4 घंटे तक अनशन पूर्वक समता – संयम साधना में रमण करेंगे।
भयंकर गर्मी में भी तपस्या जारी है।
26 मार्च को संध्या 7:00 बजे आशीर्वाद भवन विशिष्ट कलाकारों के द्वारा भजन संध्या होगी।
स्थायी परिषद के चेयरमैन श्री विमल कुमार जी सेठिया के अनुसार
27 मार्च रविवार को रामपुरिया भवन महावीर चौक गंगाशहर में प्रातः 8:00 बजे से तीन हजार भाई – बहिनों के समूह के साथ णमोत्थुणं की उत्कृष्ट साधना की जाएगी।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों।