अराजकता के दौर बड सकता है व्यक्ति को समाज के बीच रहना होगा या अपना समूह बनाकर रहना होगा। यह बात सही है कि आप अकेले प्रतिकार नहीं कर सकते लेकिन समूह बनाकर आप प्रतिकार के साथ अपनी रक्षा भी कर सकेंगे। कहावत है ना कि एक लकड़ी आसानी से टूट सकती है यदि लकड़ियों का पूरा गठ्ठा बना दिया जाए तो उसे तोड़ा नहीं जा पाएगा। उसी तरह अब वह समय आ गया कि हमें ग्रुप बनाकर रहना होगा यदि किसी को कोई भी कष्ट है तो तुरंत सभी ने उसके साथ खड़ा होना चाहिए। एक किसी के साथ यदी ज्यादती हो रही है तो तुरंत उसके साथ परिवार और ग्रुप के साथीयो ने खड़ा होना चाहिए। आपको बिना वजह यदि कोई भी सरकारी व्यक्ति, पुलिस या कोई भी सरकारी विभाग का अधिकारी या कोई दादा पहलवान परेशान करें तो आप पूरे समूह में इकट्ठा होकर उसका विरोध कर सकते हैं। और यदि आप समूह में हैं और कहीं आपको कहीं कोई भी गलत काम करते हुए दिखे तो आप उसे वही ऑन स्पॉट पकड़कर सबक सिखाएं एवं उच्च अधिकारियों को सौंप दे। आने वाला समय कठिन होता जा रहा है जीवन का यही मंत्र बचा है समूह में रहो ।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद् ,)