बीकानेर शहर परकोटा क्षेत्र में परम्परा सस्कृति को संजोए रखने के लिये सस्कृति संवाहक रमक झमक संस्था के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ विगत 4 दशक से सक्रिय योगदान दे रहे है। शहर की स्थानीय सस्कृति चाहे पुष्करणा सावा हो या होली या फिर गणगौर अथवा बीकानेर की अन्य परम्पराए या गीत हो, को जीवंत रखने के लिये श्री ओझा का पूरा परिवार लगा रहता है। परम्परा रस्मो की कई ट्रेडिशनल चीजे इनका परिवार रमक झमक संस्था के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध करवाता है केम्प लगाकर समय समय पर सेवा सुविधाए देता है। सस्कृति में योगदान देने वालों को प्रोत्साहन व सम्मान देता है। खाश बात है की शहर सस्कृति में रुचि रखने या कार्यक्रम को देखने आने वालों का भी रमक झमक सम्नांन करता रहा है। श्री प्रहलाद ओझा स्वयं स्वतंत्र लेखक,रचनाकार है लेकिन आज विश्व मे इनकी छवि रमक झमक या सस्कृति संवाहक के रूप में प्रतिष्ठित है।


सम्मान:
समाज सेवा के लिये नगर निगम,नगर विकास, राव बीका एवं जिला प्रशासन द्वारा सम्नांन।

मधु आचार्य जी द्वारा राष्ट्रदूत बीकानेर में
‘भैरु स्वयं सम्पूर्ण संस्था है”

राजस्थानपत्रिका ने लिखा:
‘सस्कृति के संवाहक भैरुं’

युगपक्ष: ‘सावा सस्कृति कोअंतरराष्ट्रीय स्तर पर
पहचान दिलाई भैरु ने’

पुष्करणा…

इन 10 वर्षों:-
अध्यक्ष रमक झमक
‘भैरव भजनावली
‘शीघ्र फलदायक भैरव साधना गृहस्थी सुख के सुगम उपाय’ संकलन सम्पादन

आशु कवि
समाज रत्न,
समाज सेवी,
ज्योतिषी,
भैरव साधक
होली रसिक
सस्कृति संवाहक