

जयपुर।जयपुर में ग्रेटर और हैरीटेज दोनों नगर निगमों ने शहर में साइन बोर्ड शुल्क वसूली का काम निजी फर्मों को सोंप दिया है। जिसका जयपुर के व्यापारिक संगठन विरोध कर रहे हैं। सोमवार को फोर्टी के बैनर तले जयपुर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इनमें फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल , जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, राजापार्क व्यापार मंडल अध्यक्ष रवि नैयर और राजस्थान इलैक्ट्रॉनिक्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव कमल कंदोई शामिल थे। बैठक में तय किया गया कि साइन बोर्ड शुल्क की वसूली निजी फर्मों को सोंपने ओर इन फर्मों की ओर से अवैध वसूली का व्यापारियों की ओर से पुरजोर विरोध किया जाएगा। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि निजी फर्मों के प्रतिनिधि नगर निगम के नाम पर शहरभर में व्यापारियों को प्रताडित कर रहे हैं और साइन बोर्ड की एवज में मनमाने शुल्क वसूल रहे हैं। पिछले दो साल से बाजार और व्यापारी कोरोना की मार झेल रहे थे। इसबार दिवाली के मौके पर व्यापारी उत्साह के साथ काम कर सरकार को ज्यादा से ज्यादा राजस्व और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास में जुटे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से साइन बोर्ड के नाम पर अवैध वसूली का लाइसेंस देने से बाजार में मायूसी का माहौल है और व्यापारियों में रोष है। *
बैठक के बाद दोनों नगर निगम की महापौर को ज्ञापन भेजा गया है।
- यदि नगर निगम की ओर से साइन बोर्ड की एवज में शुल्क की वसूली तथकथित निजी फर्मों से वापस नहीं ली जाती है, तो इसबार कोई भी बाजार दिवाली पर सजावट के लिए नगर निगम का सहयोग नहीं करेगा ।
- साइन बोर्ड की एवज में अवैध वसूली के विरोध में नगर निगम के सामने धरना- प्रदर्शन किए जाएंगे, आवश्यकता पड़ने पर जयपुर बंद का भी आह्वान किया जा सकता है।
-नगर निगम की ओर से साइन बोर्ड के लिए व्यापारियों के साथ परामर्श के बाद ही शुल्क तय किए जाएं।
- नगर निगम की ओर से व्यापारियों के परामर्श के बाद तय शुल्क का चार्ट सार्वजनिक तौर से जारी किया जाए, ताकि सभी व्यापारियों की शुल्क की दरों की जानकारी रहे।
- व्यापारियों की सहमति के बाद साइन बोर्ड की तय शुल्क नगर निगम अपने कर्मचारियों से माध्यम से ही वसूली करे