-सीएसपी कर्मी से लूट कांड में लाई थी पुलिस।

-पुलिस के कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल ।

-पुलिस की कार्यशैली का बेजोड़ नमूना।

सुपौल/बिहार

सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज पुलिस की कार्यशैली का बेजोड़ नमूना है प्रकाश में आया हैं।विगत 19 फरवरी को सीएसपी कर्मी से 2 लाख 87 हजार रुपये लूट के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एक युवक को हिरासत में लिया ,लेकिन हद तब हो गई जब नियम के बिरुद पुलिस ने उसे करीब सात दिन तक अपने हिरासत में रखा, जब मामला कानाफूसी से बढ़करआम बहस में तब्दील हुई तबजाकर पुलिस ने नाक बचाने के लिए आनन फानन में उसे बुधवार को जेल भेज दिया।गौरतलब हो कि बिगत 19 फरवरी को थाना क्षेत्र के डुमरिया चौक के समीप मोदी खुट सड़क मोड़ के समीप बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने पीएनबी ग्राहक सेवा केंद्र के कर्मी से हथियार के बल पर 2 लाख 87 हाजर रुपए लूट लिया था।

लेकिन मजेदार तथ्य है कि पुलिस ने आनन फानन में लूट के शिकार हुए कर्मी के साथ ग्राहक सेवा केंद्र कुमयाही से पैसा का निकासी करने साथ अपनी बाइक से जा रहे ओमप्रकाश कुमार ग्राम बडेडवा को पुलिस ने अपनी कामयाबी दिखाते घटना के दिन ही घर से पकड़ कर हिरासत में ले लिया ओर घटना के दिन से ही उक्त युवक ओमप्रकाश कुमार को थाना में रखे हुए थे ।थानेदार के हिम्मत की दाद देनी होगी कि घटना के दिन ही सुपौल एसपी सुधीर कुमार पोरिका भी आकर उक्त युवक से पूछताछ किया था, लेकिन पुलिस ने हिरासत में लिए गए उक्त युवक को एक सप्ताह तक न्यायिक हिरासत में ना भेज कर थाने पर ही रखे रहे। पुलिस ने ना तो उसे दोष मुक्त कर घर जाने की इजाजत दी गई और न ही उसे न्यायिक हिरासत भेजा गया। इस दौरान उक्त युवक आशियाने के रूप में थाना भवन का उपयोग करता रहा ओर थाने के सिरिस्ता कक्ष का शोभा बढ़ाता रहा। इसे पुलिस कार्यवाही की मिसाल समझे या फिर कानूनी प्रक्रिया की धज्जियाँ उड़ाना ।

हालांकि घटना को एक सप्ताह बीतने के बाद भी अपनी कामयाबी और बाहबहि लूटने वाले स्थानीय पुलिस लूट की घटना का उद्दभेदन भी नही कर पाई हैं।मामले की कानाफूसी होने पर हिरासत में लिए गए युवक को ही जेल भेज कर अपनी कामयाबी मानते हुए आखिरकार 7 दिनों के बाद बुधवार की सुबह जब पत्रकारों ने खोजबीन की जब यह मामला प्रकाश में आया कि लूट कांड के उक्त युवक को 7 दिनों से थाना पुलिस हिरासत में लेकर रखे हुए है। जब पत्रकारों ने उक्त युवक से पूछ ताछ किया तो उसने बताया कि में निर्दोष हु। फिर भी नाहक पुलिस उसे घटना के दिन से ही घर से उठा कर थाने में रखे हुए है ना तो मुझे जेल भेज रहे और ना ही घर जाने की इजाजत दे रहे हैं। जिसके बाद पुलिस आनन फानन में युवक को आखिर कार जेल भेज दिया।जो पुलिस की कार्यशैली का बेजोड़ नमूना है।इससे सहज अंदाजा लगया जा सकता हैं कि त्रिवेणीगंज पुलिस कार्यवाही करने में कितने संवेदनशील है।