जयपुर ।राजस्थान सरकार उन लोगों पर सख्ती के मूड में है जो कोरोना वैक्सीनेशन नहीं करा रहे. सरकार ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई कर सकती है. यहां तक कि उन्हें मिल रहे सरकारी लाभ भी बंद कर सकती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कोरोना की समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि वैक्सीन न लगवाने वालों की लिस्ट बनाएं और उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लें. सीएम ने कहा कि जैसे भी कराएं, लेकिन कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करे।

राजस्थान में वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा सकता है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इसके संकेत दिए. उन्होंने समीक्षा बैठक में सभी जिलों के कलेक्टरों और पटवारी को लोगों को वैक्सीन के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसके बाद भी लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई जाए. इनके सरकारी लाभ रोके जाएंगे.
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत का जोर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाने पर रहा. उन्होंन कहा कि जरूरत पड़ी तो तमिलनाडु की तर्ज पर प्रदेश में भी वैक्सीन अनिवार्य की जाएगी. उन्होंने बैठक में मौजूद एसीएस गृह अभय कुमार और डीजीपी एमएल लाठर से कहा कि अगले 2 से 4 दिन में लोगों को जागरूक किया जाए. उसके बाद मास्क लगाने और गाइडलाइन की पालना कराने में सख्ती बरती जाए. प्रदेश में आज भी नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन उसमें ढिलाई आ गई है, अब उसे सख्त करने की जरूरत है.

– ढिलाई के लिए राजनीतिक पार्टियों की गलतियां

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन में ढिलाई के लिए हम राजनीतिक पार्टियों की भी गलतियां है. देश में चुनाव होते रहते हैं और हम उसमें भाग लेते रहते हैं. लेकिन, इसके लिए भारत सरकार को आगे आना होगा. केन्द्र के आगे आए बिना कुछ भी संभव नहीं है. उन्होंने कल इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को भी गंभीर बताया. देश में पहली बार किसी मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है. अगर न्यायपालिका प्रधानमंत्री से चुनाव टालने की अपील कर रही है तो इसके कई मायने हैं. लोग इसके राजनीतिक मायने भी निकालेंगे. लेकिन न्यायपालिका की चिंता जायज है. उन्होंने पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद कोरोना की स्थिति को देखा है.

– प्रदेश में 1करोड़ 30लाख को नहीं लगी दूसरी डोज

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने एक प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 88.5 प्रतिशत लोगों को पहली और 71.5 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है. विभाग का प्रयास है कि दोनों डोज में जो 10 प्रतिशत का अंतर है उसे जल्द ही कम कर लिया जाए. बैठक में एसएमएस के डॉ अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 30लाख लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी. यह हमारे लिए चिंता का विषय है. वहीं जिन लोगों को वैक्सीन लगे 9 माह हो गए हैं. उन्हें बूस्टर डोज लगाना अनिवार्य हो गया है. बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, वरिष्ठ चिकित्सक वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य चिकित्सकों ने अपने सुझाव दिए. ।