नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। सीबीआई ने हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। कंपनी ने 2009-2015 के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा से कंसोर्टियम व्यवस्था के तहत 5078 करोड़ रुपये के लोन लेकर वित्तीय ऋण सीमा का लाभ उठाया था। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि कंपनी के डायरेक्टर ने फर्जी तरीके से बैंक से लोन ले लिया।

सीबीआई ने कंपनी के डायरेक्टर और उससे जुड़े अधिकारियों के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की है। जांच एजेंसी को इससे जुड़े कई दस्तावेज बरामद हैं। इससे पहले सीबीआई ने हैदराबाद की कंपनी कोस्टल प्रोजेक्ट और उसके निदेशकों के खिलाफ 4,736 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया था। एजेंसी ने हैदराबाद व विजयवाड़ा में इनके ठिकानों पर दबिश देकर अहम दस्तावेज जब्त किए थे। निर्माण कंपनी ने 2013 से 2018 के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से बैंक गारंटी के लिए फर्जी बैलेंस सीट और वित्तीय विवरण दिखाकर लोन लिए थे। सीबीआई ने कंपनी के अलावा उसके चेयरमैन एस सुरेंद्र, एमडी जीएच राव, निदेशक एससी निवार्थी, शरद कुमार, जीके रामौली, के अंजम्मा तथा एक अन्य कंपनी रवि कैलास बिल्डर और इसके निदेशक रमेश पशुपुलेतु और जीके ईरानी के खिलाफ भी केस दर्ज किया था।