खुशियां मनाना हर व्यक्ति का अधिकार है पर कई लोग खुशियां मनाने का मौका गवा देते हैं यह सोचकर कि कोई क्या कहेगा यदि आपका डांस करने का मन हो रहा है पर आप करते नही कि बहुत लोग देख रहे अच्छा नही लगेगा, अरे भाई छोडीये क्या आपको अच्छा लग रहा है, क्या नहीं आप अपने लिए जियो अपनी खुशियों का गला मत दबाओ। जो व्यक्ति महा संतुष्ट होता है वह खुशी मनाने का कोई भी पल छोड़ता नहीं है। खुशी मनाने के तरीका अलग हो सकते हैं कोई दारू पार्टी मनाता है, कोई परिवार के साथ मनाता है, कोई पिकनिक मनाता है, कोई शॉपिंग करेगा। लेकिन खुशियां मनाने का अंदाज अपना जरूर है। जब आप दारू पार्टी करते हैं तो अमूमन कई बार खुशियां झगड़े या हादसे में बदल जाती है परिवार के साथ घूमते हैं तो जो आपकी बॉन्डिंग है वह परिवार को मजबूत बनाती है। व्यक्ति गरीब हो अमीर हो स्वस्थ हो या बीमार  यदि उसको भी खुशियां मनाने का मौका है तो उसने चुप नही बैठना चाहिये। व्यक्ति गंभीरता से सोचें तो वह क्यों पढ़ाई करता है क्यों पैसा कमाता है। जो ज्यादा खुश होकर अपने आप में मस्त रहता है वह व्यक्ति सही मायने में अमीरों की श्रेणी में आता है। खुशियां मनाने के लिए आपका परिवार आपके मित्र आपके करीबी रिश्तेदार या आपके हमराज होते हैं इन्हें बनाए रखें।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)