बीकानेर।बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं व्यवसायी विष्णु पुरी ने बीकानेर में हवाई सेवा विस्तार हेतु कोटा की तर्ज पर निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने हेतु राज्य सरकार से अनुशंसा करने हेतु शिक्षा मंत्री डॉ. बुलाकीदास कल्ला को ज्ञापन सौंपा | ज्ञापन में बताया गया कि बीकानेर जिला अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित होने के कारण राजस्थान में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जिला है | बीकानेर के पापड़, भुजिया, रसगुल्ला एवं कृषि आधारित, लकड़ी शिल्प एवं फर्नीचर तथा ऊनी कारपेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है | इसके अतिरिक्त सिरेमिक उत्पादों का भी निर्यात यहाँ से होता है । राजस्थान का बीकानेर जिला एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के नाम से भी विख्यात है | वर्तमान व्यवस्थाओं को देखते हुए बीकानेर से कोलकात्ता, गुवाहटी, बेंगलूरू व मुंबई जैसे महानगरों के लिए हवाई सेवाओं की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने व्यापार के सिलसिले में मुंबई, कोलकात्ता, गुवाहटी व बेंगलुरु आना- जाना रहता है । राजस्थान सरकार द्वारा जारी मिशन निर्यातक बनो के तहत भी अधिक से अधिक उत्पाद निर्यात करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है । औद्योगिक विकास एवं वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए सिविल एयरपोर्ट का विकास एवं विस्तार होना वर्तमान समय की आवश्यकता भी है । पूरे बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक विकास को देखते हुए कोटा की तर्ज पर बीकानेर को भी वर्तमान एयरपोर्ट से सटती 58.18 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए ताकि बीकानेर की भी महानगरों से कनेक्टिविटी सुलभ हो सके ।

– रेलवे पार्सल कार्यालय में मिले बीकानेर के उत्पादों को प्राथमिकता
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष एवं डीआरयूसीसी सदस्य द्वारकाप्रसाद पचीसिया, जेडआरयूसीसी सदस्य नरेश मित्तल ने मंडल रेल प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव से बीकानेर से हावड़ा जाने वाली रेलगाड़ियों के पार्सल कोच में बीकानेर को प्राथमिकता देने बाबत ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में बताया गया कि बीकानेर से बड़ी मात्रा में नमकीन, पापड़, भुजिया, रसगुल्ले एवं मावा सहित अनेक माल रेल्वे के माध्यम से बाहर निर्यात किये जाते हैं और पार्सल कोच में बीकानेर के अलावा अहमदाबाद, जोधपुर एवं जयपुर के माल पूर्व में ही बुक किये जाने से सारा माल बीकानेर स्टेशन पर ही रोक लिया जाता है जिससे यह माल विलम्ब से अन्य शहरों में पहुंचता है और माल खराब होने की सम्भावनाओं के साथ ही बार बार सारे माल को स्टेशन पर इधर से उधर शिफ्ट करते रहने के कारण कार्टून अथवा बोरी व कट्टे फट जाते हैं जिससे माल का नुकसान भी होता है और माल पहुंचने में विलम्ब के साथ व्यापारी उद्यमी को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है और इस परेशानी से निजात पाने हेतु व्यापारी अपना माल भेजने के लिए रेल्वे के अलावा अन्य संसाधनों का उपयोग करने को मजबूर हो जाता है और इससे रेल्वे को भी राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है | इस पर मंडल रेल प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए पार्सल कार्यालय को बीकानेर के ऐसे उत्पाद भुजिया, पापड़, रसगुल्ले एवं मावा जो कम समय में खराब हो जाते है उनको प्राथमिकता से बुक करके भिजवाने के निर्देश प्रदान किये ।