बीकानेर। राजनीति का शिकार बनीं नोखा विकास अधिकारी साजिया तबस्सुम फिर से नोखा में ड्यूटी ज्वाइन कर रही हैं। जोधपुर उच्च न्यायालय ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए राजनीतिक निलंबन पर रोक लगा दी है। निलंबन के बाद साजिया के खिलाफ कोई चार्जशीट पेश नहीं हुई, ना ही कोई जांच चली। केवल राजनीतिक दबाव में अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश पर उन्हें निलंबित किया गया था। जिसके बाद उन्होंने हाइकोर्ट की शरण ली। अधिवक्ता एन आर बुडानिया ने कोर्ट के समक्ष सारे तथ्य प्रस्तुत किए, जिस पर कोर्ट तबस्सुम को राहत प्रदान कर दी।

दरअसल, तबस्सुम ने एक ग्राम विकास अधिकारी काकड़ा की रिक्त सीट का अतिरिक्त चार्ज दिया था। लेकिन स्थानीय सरपंच ने तबस्सुम के आदेशों की अवहेलना करते हुए ग्राम विकास अधिकारी को ज्वाइन नहीं करने दिया। जिसके बाद तबस्सुम ने सीओ नगर परिषद को कार्रवाई हेतु लिखा। जिस पर सीओ ने जांच करते हुए सरपंच के खिलाफ संभागीय आयुक्त को रिपोर्ट तलब कर दी। इसी से झल्लाए सरपंच ने अन्य सरपंच व राजनेताओं के साथ मिलकर जयपुर में राजनीतिक गेंद फेंकी। जिस पर तबस्सुम को निलंबित किया गया।