जैसलमेर, ।दुनिया भर में मशहूर परम्परागत मरु महोत्सव के अन्तर्गत तीसरी सांझ हेरिटेज के पुरातन रंगों और रसों के वैविध्य से भरी रही। महोत्सव के अन्तर्गत मंगलवार की शाम हेरिटेज वॉक के नाम रही जब शौर्य एवं पराक्रम के गौरवशाली इतिहास के साक्षी रहे सोनार दुर्ग से गड़ीसर झील तक निकली हेरिटेज वॉक ने मरु संस्कृति की विलक्षण परम्पराओं, पुरातात्विक महत्व के स्थलों, लोक संस्कृति की विशेषताओं और मरु अंचल के वैविध्यपूर्ण परिवेश का कीर्तिगान किया।

सांगीतिक प्रस्तुतियों और लोक नृत्यों की धूम मचाते कलाकारों के साथ निकली यह हेरिटेज वॉक शहर में आकर्षण का केन्द्र रही। रास्ते में शहरवासियों ने इसका स्वागत किया और लोक संगीत का आनंद भी लिया।

सोनार दुर्ग की तलहटी में नगर परिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने हरी झण्डी दिखा कर हेरिटेज वॉक का शुभारंभ किया। इस दौरान मिस्टर डेजर्ट-2022 तरुण शर्मा, पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, नगर परिषद उप सभापति खींमसिंह, जिला खेल अधिकारी राकेश विश्नोई, सहायक निदेशक (पर्यटन) कृष्ण कुमार, पार्षद अरुण शर्मा, कमलेश छंगाणी, दुर्गेश आचार्य, पार्षद प्रतिनिधि राजेन्द्र गोपा, नरपतसिंह टेकरा, समाज सेवी नारायणसिंह, रंगकर्मी एवं मंच संचालक विजय बल्लाणी सहित विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे।

गोपा चौक से होते हुए हेरिटेज वॉक पत्थर की पारदर्शी जाली, फूल-पत्तियों, नृत्यरत मयूरों, छतों पर सोने की कलम की सूक्ष्म कलात्मक कारीगरी आदि की अद्भुत भव्यता को समेटे हुए दीवान नथमल की हवेली पहुंची, जहां पर पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया।

हेरिटेज वॉक का कारवा आगे बढ़ता हुआ पटवा हवेली पहुंचा। प्राचीन महत्व एवं पुरातात्विक महत्व की पटवा हवेली पहुंची। सुन्दर-सुन्दर झरोखों से समृद्ध भव्य छह मंजिला इन हवेलियों की बारीक नक्काशी एवं मनोहारी विभिन्न कलाकृतियों से सजी-धजी ये हवेलियां अलग ही बानगी पेश करती हैं।

हेरिटेज वॉक शहर की अंदरूनी गलियों घुमावदार रास्तों से होते हुए बारियों एवं बंगलियों से अलंकृत दीवान सालिम सिंह की हवेली मोती महल पहुंची। वहां पर भी शहरवासियों से दिल खोलकर स्वागत किया। आसनी पथ, गुलास्तला रोड होते हुए यह हेरिटेज वॉक अपने अंतिम पडाव मंदिरों, परसालों, बंगलों छतरियों से समृद्ध गडसीसर सरोवर पहुंची, जहां हेरिटेज वॉक का भव्य स्वागत किया गया।