सवांददाता, के,के,कुशवाहा

आगरा। इस समय मिशन शक्ति अभियान चल रहा है लेकिन पुलिस के नुमाइंदे ही इसको पलीता लगाने में लगे हुए है। शनिवार को भगवान टाकीज चौराहे पर ई-रिक्शा खड़ा करने पर महिला चालक के साथ डयूटी पर तैनात होमगार्ड ने मारपीट कर दी। आरोप है कि होमगार्ड ने पहले रिक्शे में डंडे मारे। इसके बाद सूजा मारकर ई रिक्शा पंक्चर कर दिया। विरोध करने पर होमगार्ड ने महिला चालक के थप्पड़ भी मारे। बीचबचाव कराने पर 10 साल की बेटी के भी नहीं बख्शा। लोगों की भीड़ जुटने पर होमगार्ड ने ई रिक्शा महिला चालक छोड़ दिया। इस मामले को लेकर पीड़िता ने थाना न्यू आगरा में होमगार्ड के खिलाफ लिखित शिकायत की है।

सिकंदरा निवासी सरिता उपाध्याय ई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करती है। सरिता ने बताया कि उनके पास ई-रिक्शा चलाने का एसएसपी और जिलाधिकारी की ओर से जारी अनुमति पत्र भी है। जिसके माध्यम से वह एमजी रोड पर भी ई रिक्शा चला सकती हैं। आज सुबह लगभग साढ़े 10 बजे वह ई-रिक्शा लेकर भगवान टाकीज चौराहे पर आई थीं तभी वहा होमगार्ड विष्णु आ गया। वह आगे रिक्शा खड़ा करने की कहने लगा। इस पर वह कुछ दूर चली गईं। इस पर भी होमगार्ड आ गया। वहां भी मना करने लगा। उन्होंने कहा कि अगर, ज्यादा दूर चली जाएंगी तो सवारी नहीं मिलेंगी। फिर यहां आने का क्या फायदा होगा। इस पर होमगार्ड भड़क गया। उसने रिक्शे में डंडे मारने शुरू कर दिए। बाद में सूजा निकाल लिया। आरोप है कि सूजा मारकर रिक्शे के दो पहिये पंक्चर कर दिए। इस पर सरिता ने विरोध किया। मगर, होमगार्ड नहीं माना। वह अभद्रता करने लगा।

आरोप है कि होमगार्ड ने सरिता उपाध्याय के दो थप्पड़ मार दिए। उनके चीखने पर रिक्शे में बैठी दस साल की बेटी वैष्णवी आ गई। उसने भी रोकने का प्रयास किया, लेकिन होमगार्ड ने उसे भी पीटा। हंगामा होने पर लोगों की भीड़ लग गई इस पर होमगार्ड चला गया। पीड़िता ने थाना न्यू आगरा में लिखित शिकायत की है।

इस पूरे मामले की गूंज अधिकारियों के कानों तक भी पहुँच गयी। सीओ हरीपर्वत सौरभ दीक्षित ने बताया कि महिला से मारपीट और रिक्शे को सूजा मारकर पंक्चर करने की शिकायत मिली थी। प्रथम दृष्टया शिकायत सही मिली। इस पर होमगार्ड को ड्यूटी से हटाने और विभागीय कार्रवाई के लिए होमगार्ड कमांडेंट को पत्र लिखा है।

पीड़ित सरिता ने बताया कि पति अमित उपाध्याय भी आटो चलाता है। सात साल की बेटी गायत्री के दिल में छेद है। इलाज में काफी खर्च हो रहा था। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। बेटी का इलाज कराने के लिए उन्होंने खुद ही ई रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। इसके बावजूद चौराहे पर आए दिन पुलिसकर्मी परेशान करते हैं, जबकि महिला ई रिक्शा उनके अलावा एक और महिला ही चलाती हैं। नियमों का भी उल्लंघन नहीं करती हैं।