विकारों को परमात्मा शिव पर अर्पण कर सदगुणों को अपनाने की अपील ।
सुधांशु कुमार सतीश
आबू रोड (राजस्थान) हजारों की संख्या में लोगों का उमड़ा हुजुम, मन में परमात्मा शिव का आशीष पाने की ललक और तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजते आसमान से पूरा माहौल अध्यात्मय हो गया। प्रात: काल ध्यान साधना के बाद ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन स्थित सम्मेलन सभागार के ग्राउण्ड में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आज ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि परमात्मा शिव के अवतरण का यादगार है महाशिवरात्रि का पर्व। जब हम अपनी बुराईयों को अर्पण करते है तो परमात्मा उसके बदले सदगुणों से भर देते हैं।
ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि आज परमात्मा को इस धरती पर अवतरित हुए 84 वर्ष हो गये। अज्ञान की रात्रि में परमात्मा शिव का आना ही शिवरात्रि कहलाता है। यह परमात्मा के अवतरण की स्मृति है। इसलिए आज के दिन लोगों को शिव मंदिरों में भांग धतूरा, अक का फूल चढ़ाना इस बात का द्योतक है कि परमात्मा केवल बुराईयों को ही लेकर अच्छाईयां देते हैं। इसलिए हमें अपनी बुराईयों को उनके उपर चढ़ाना चाहिए।
इस अवसर पर विशाल केक काटकर परमात्मा शिव का 84वां शिवजयन्ति मनायी गयी। जिसमें हजारों लोगों ने शरीक होकर विश्व शांति की कामना की। प्रात: काल से ही ध्यान साधना का दौर चला और लोगों ने परमात्मा शिव के उपर अपने बुराईयोंं को अर्पण कर श्रेष्ठ संस्कारों को धारण करने की अपील की।
इस अवसर पर सोशल एक्टिविटी ग्रुप के अध्यक्ष बीके भरत, ग्लोबल हास्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉ प्रताप मिडढा, डॉ बनारसी, यूरोपियन सेवाकेन्द्रां की निदेशिका बीके जयंति, रसिया की बीके सुधा, जर्मनी की बीके सुदेश, जापान की बीके रजनी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।