जयपुर।राजस्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस में ऑब्जर्वर रहे हरीश चौधरी ने कहा है कि पंजाब और राजस्थान के हालात को अलग-अलग बताकर यह जताने का प्रयास किया है कि यहां पंजाब की तर्ज पर नेतृत्व बदलना मुश्किल है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सीएम गहलोत के पक्ष में 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है ऐसे में यहां पर नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।
चौधरी सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर को हटाने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने कैप्टन को बहुत कुछ दिया। पंजाब के विधायक चाहते थे कि नेतृत्व बदले। लोकतांत्रिक तरीके से पंजाब में बदलाव हुआ। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके हिसाब से काम हो, यह मानवीय स्वभाव है। कैप्टन अमरिंदर के अपमान के सवाल पर कहा कि अपमान कैसे हुआ। विधायकों की यह मांग थी कि बदलाव हो। कांग्रेस में सबको अपने विचार रखने की छूट है।
चौधरी ने कहा कि गहलोत का दिल्ली जाने का कार्यक्रम था जो स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते नहीं जा सके थे। उनको केवल राजस्थान ही नहीं राजस्थान के बाहर के काम भी देखने होते हैं। पंजाब का ऐतिहासिक निर्णय हुआ है एक व्यक्ति जिसने टेंट मजदूर के तौर पर काम किया वह मुख्यमंत्री बना है। यह केवल कांग्रेस में ही संभव है। उन्होंने कहा कि गहलोत भी एक आम कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बने हैं।
चौधरी ने कहा कि पावर सेंटर कहना गलत होगा। पावर सेंटर शब्दावली ही गलत है। मैं किसान का बेटा हूं। किसानों का पहले भी बहुत नुकसान हो चुका है। सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात के सवाल पर चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से कितनी बार मिले यह मैं नहीं जानता।

