नई दिल्ली। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पर एनआरसी के मुद्दे पर एक बार फिर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने असम की जाबेदा बेगम के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट का एक केस है। हमारी एक बहन ने कोर्ट को 15 कागज दिखाए लेकिन उसे भारत का नागरिक नहीं माना गया। अब और कितने कागज आपको चाहिए?
उसने अपनी तरफ से जमीन का कागज दिया। 1966 के वोटर लिस्ट में अपने पिता के नाम होने का सबूत दिया। उसके मां-बाप और उसके भाई का नाम 2015 के वोटर लिस्ट में था लेकिन कोर्ट ने नहीं माना। ग्राम प्रधान ने भी लिख कर दिया कि जाबेदा बेगम की शादी हुई है। इसलिए मैं कहता हूं कि यह मामला कागज का नहीं है। अब उन्हें डिटेंशन सेंटर में जाना होगा, वो सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। मैं कहता हूं कि अगर एनपीआर हो गया तो एनआरसी हो जाएगा। एनआरसी के मामले में प्रधानमंत्री ने फिर से झूठ बोला है।

गौरतलब है कि असम की रहने वाली एक महिला ने अपने और पति की नागरिकता साबित करने लिए 15 तरह के दस्तावेज़ पेश किए लेकिन वो फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में हार गईं। इस फ़ैसले को उन्होंने हाइकोर्ट में चुनौती दी तो वहां भी हार गईं। अब वो ज़िंदगी से हारती दिख रही हैं। सारा पैसा केस लड़ने में खर्च हो चुका है। पति बीमार हैं, बेटी पांचवीं में पढ़ती है। डेढ़ सौ रुपए दिहाड़ी में कैसे चलेगा। ऊपर से नागरिकता चली गई है। पति-पत्नी का एक एक पल डर में बीत रहा है।