पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी डॉ, लोहिया
– अनमोल कुमार
आज के दिन 18 जून 1946 ने गोवा को कुछ गाड़ियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए महान स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी नेता डॉ, राम मनोहर लोहिया ने आंदोलन शुरू किया था । 15 अगस्त 1947 में भारत आजाद हुआ परंतु देश का तटीय इलाका गोवा पुर्तगालियों के चंगुल में गुलाम था जिसे आजादी दिलाने के लिए राम मनोहर लोहिया मैं 18 जून 1946 को आंदोलन का बिगुल फूंका । इस संघर्ष में हजारों की संख्या में गोवा के लोग शामिल हुए काफी लंबी लड़ाई चली अंततोगत्वा 1961 में बरसो संघर्ष के बाद गोवा को आजादी मिली ।

– बिहार विभूति डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह आधुनिक बिहार के निर्माता थे

डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह का जन्म 18 जून 1887 मैं हुआ था ए भारतीय राजनेता स्वतंत्रता सेनानी शिक्षक अधिवक्ता और प्रखर राजनीतिज्ञ थे ।बिहार के प्रथम उपमुख्यमंत्री वित्त मंत्री और उद्योग मंत्री बने । इन्होंने अपनी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय और कोलकाता विश्वविद्यालय मैं पूरी की । चंपारण सत्याग्रह इन्होंने महात्मा गांधी और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के साथ सक्रिय भूमिका निभाई । 1956 में पटना में इन्होंने अनुग्रह नारायण सिंह महाविद्यालय की स्थापना की अभी बिहार में दर्जनों महाविद्यालय और मेडिकल कॉलेज इनके नाम से संचालित है।

2 अप्रैल 46 से 5 जुलाई 1957 तक श्री सिंह सत्ता मे बने रहे ।
5 जुलाई 1957 को उनका निधन पटना में हो गई । बाद में इनके सबसे बड़े पुत्र सत्यनारायण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री बने ।

– हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों के खून से लाल हुई घाटी

18 जून 1576 आज के दिन महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर की सेना के बीच हल्दीघाटी में घमासान युद्ध हुआ था जिसमें घाटी मुगलों के खून से रक्तरंजित हो गए ।

राजस्थान में हल्दीघाटी दो पहाड़ियों के बीच का एक पतला मार्ग है जहां की माटी हल्दी के रंग का है इसलिएइस घाटी का नाम हल्दीघाटी पड़ा मुगल इतिहासकारों ने इस युद्ध का नाम खमनोर युद्ध रखा महाराणा प्रताप ने कसम खाई थी कि जब तक अकबर को पराजित नहीं कर देंगे जंगल में रहकर और घास की रोटी खाकर अपना जीवन व्यतीत करें अंततोगत्वा उन्होंने मुगलों के छक्के छोड़ा दिए । राणा की सेना गुलाब जी से लड़ाई लड़ के मुगल सेना में भगदड़ में शादी थी दोनों तरफ से लगभग 18 हजार सैनिक मारे गए ।