Day: January 18, 2020

अब गुड़ियों का नहीं, बन्दूकों का बाज़ार है -राकेश दुबे

बुढ़ापे में खिलौने के बाज़ार जाने का एक अजब सुख है | अपनी पोती के लिए बोलने वाले तोते [खिलौना ] तलाशते हए पता लगा अब खिलौने का बाज़ार जैसी…