उच्च शिक्षा सामाजिक और आर्थिक न्याय से हो परिपूर्ण : डॉ आनंद पालीवाल
जयपुर, । 22वें राष्ट्रीय विधि आयोग के पूर्णकालिक सदस्य डॉ.आनंद पालीवाल के निम्स
विश्वविद्यालय आगमन पर स्वागत किया गया। इस अवसर डॉ. देश में विधि शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विचार विमर्श कर अपना व्याख्यान भी दिया।इस अवसर पर चैयरमेन डॉ. तोमर ने डॉ. पालीवाल को निम्स विश्वविद्यालय द्वारा विधि शिक्षा की विभिन्न अकादमिक गतिविधियों, पाठ्यक्रमों और नवाचारों से अवगत कराया।इस अवसर उन्होंने विधि शिक्षा में अपेक्षित सुधारो और शोध अनुसंधान को लेकर भी चर्चा की। राष्ट्रीय विधि आयोग के सदस्य डॉ.आनंद पालीवाल ने कहा की निम्स विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विधि सहित विभिन्न पाठ्यक्रम शिक्षा के महत्व को बनाए रखने की सुदृढ़ परिकल्पना के साथ निरंतर अग्रसर हो रहा हैं। हम ऐसी कानूनी शिक्षा प्रदान करे जो न्याय शिक्षा को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन का एक साधन के रूप में विकसित कर सके। नई शिक्षा नीति में कई अपेक्षित सुधार किए गए हैं, जिनका उद्देश्य हमारे छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को सही दक्षताओं और क्षमताओं से लैस करके और एक जीवंत नए भारत के लिए एक सक्षम और पुनर्जीवित शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके एक आदर्श बदलाव लाना है।
निम्स चेयरमैन डॉ. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय विभिन्न रोजगार परक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को सर्वांगीण अकादमिक विकास के अवसर प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के अकादमिक विकास और उच्च शिक्षा के गुणात्मक मापदंडों के आवश्यक निर्धारण पर प्रतिबद्धता प्रकट की। नई नीति के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के बदलते स्वरूप को अपनाते हुए राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोट में श्रेष्ठ नवीनतम तकनीक, नवाचार, लाभदायक अकादमिक योजनाओं, शैक्षणिक अनुसंधान के माध्यम से विश्वविद्यालय को विकसित किया जाएगा। सलाहकार प्रो. अमेरिका सिंह ने कहा की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता का होना आवश्यक है। विश्वविद्यालय दुवारा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के नवाचारो के साथ शोध व शिक्षा की गुणवत्ता के कदम को बढ़ाया जा रहा है।