500 वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ – कोटि-कोटि रामभक्तों की अभिलाषा पूर्ण हुई १५ अगस्त और २६ जनवरी जितने देश के लिए महत्वपूर्ण हैं वैसे ही होली, दिवाली , ईद त्योहार महत्वपूर्ण हैं। और अब २२ जनवरी ऐतिहासिक पर्व बन गया हैं। क्योंकि आज के दिन अयोध्या में राम जी आये हैं हमारे राम आ गये है। और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ११- दिनों तक उपवास कर विधि विधान से उनकी मन्दिर में प्राण- प्रतिष्ठा की हैं। जिसकी साक्षी रहे श्री मोहन भागवत , कुसम बेन और योगी आदियनाथ ।अयोध्या रोशनी में जगमगा उठा और हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्पों की वर्षा होती रहीं हैं। रामलला कमल पुष्प पर विराजमान हैं। प्रतिमा का रंग श्याम- नील मेघवर्ण है। मन्दिर की सजावट और सुन्दर्य देखते ही बनता हैं। चारो और नगरवासी गा- बजा रहे हैं। देश- विदेश की रामलीला का मंचन हो रहा हैं। नेपाल( मिथिला ) सीता मैया के मायके से ट्रकों के ट्रक उपहारों से लदे हुये राम को भेट देने अयोध्या आये हैं। साधु- सन्तों और सन्यासियों की टोलिया अपने अराध्यदेव राम के दर्शन करने को लालायित हैं। राम सबके रोम- रोम में बसे हैं। ५०० सालों का इन्तज़ार ख़त्म हो गया। पूरा देश ख़ुशी के मारे सब कुछ भूलकर नर्तन कर रहा हैं। कीर्तन कर रहा हैं। भजन गा रहा हैं। हर कोई व्यक्ति अल्लाहादित हैं उमंगित हैं। इस अद्भुत पल को देखने के लिए पूरा देश टीवी पर आँखें गड़ाये रहा। देश में सारे मन्दिरों में सजावट देखते ही बनती हैं। केवल अयोध्या में ही नहीं, अपितु सारे देश में राम के आगमन पर घी के दिये जलाये जा रहे हैं। कलश यात्रा निकाली जा रही हैं। भारत देश ही नहीं पूरा विश्व राममय हो रहा हैं। ग़ौरतलब हैं कि प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण के अनुसार राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। १६ वी शताब्दी में बाबर ने पूरे उतर भारत में मन्दिरों पर आक्रमण किया और इसी श्रृंखला में मन्दिर पर हमला हुआ और उसे नष्ठ कर दिया गया। बाद में मुगलों ने एक मस्जिद बाबरी मस्जिद का निर्माण किया जिसे राम की जन्म भूमि, का स्थान माना जाता हैं। बाद में हिन्दुओं ने कार सेवा करतै हुए अपने राममन्दिर के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। १०० सालों से ज़्यादा समय से चल रहे प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगई की अगुवाई में सांविधानिक पीठ ने इस पर फ़ैसला सुनाया कि विवादित ज़मीन पर हक़ हिंदुओ का हैं। फिर शुरू हुआ राम मन्दिर का निर्माण। मन्दिर का शिलान्यास ९ नवम्बर १९८९ को हुआ था। और अब करोड़ों लोगो की मुराद २२ जनवरी, २०२४ को पूरी हुई हैं। २२ जनवरी को अयोध्या में राम मन्दिर की भव्य रूप से ८४ सेकेण्ड में प्राण- प्रतिष्ठा हुई। पूरी दुनिया ने इस कार्यक्रम को टी वी पर देखा। सभी ने इस दिन अपने घरों पर दिये जलाये। राम की पूजा की। आतिशबाजी से ख़ुशी का समा बंधा। वयोवर्द्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद दिया कि राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए ईश्वर ने नरेंद्र मोदी को ही चुना हैं। देश के साधु- सन्तों ने इन्हें अपना आशीर्वाद दिया। और फिर ख़त्म हुआ राम लला का ५०० साल का वनवास और आज अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। राम जी हमारे अपने घर आ गये राम राज्य का सपना साकार होगा। सदियों का इन्तज़ार ख़त्म हुआ और इस प्रकार आज २२ जनवरी का दिन आध्यात्मिक स्वतंत्रता दिवस बन गया। यह तारीख़ कालचक्र का उदगम हैं। हजारो साल बाद भी इस दिन का ज़िक्र होगा। राम ,आज कल नहीं अनन्त हैं। ————- मनोहर चावला