बिहार(सुपौल):-ओम एक्सप्रेस ब्यूरों- चार पंचायतों में विभक्त जिले त्रिवेणीगंज बाजार अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। वर्ष 1934 में त्रिवेणीगंज में थाना की स्थापना हुई। अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है कि बाजार की सभ्यता कितनी पुरानी है। लगभग नौ दशक का इतिहास समेटे त्रिवेणीगंज बाजार में प्रसाधन की व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई। जिससे यहां के स्थानीय बाशिन्दों के साथ-साथ अन्यत्र से आने जाने वाले राहगीरों को परेशानी हो रही है। स्थानीय स्तर पर लोगों ने अधिकारियों से गुहार लगाई। लेकिन मसला हल नहीं हो पाया।
बाजार की आबादी में बेहिसाब इजाफा हो रहा है। लेकिन बस पड़ाव स्थित शौचालय को छोड़ त्रिवेणीगंज बाजार में एक भी प्रसाधन की व्यवस्था नहीं है। बस पड़ाव स्थित प्रसाधन के इस्तेमाल पर राशि चुकानी होती है वह भी शौचालय व्यवस्थापक की मर्जी पर आधारित है। त्रिवेणीगंज बाजार की आबादी लगभग 25 हजार से अधिक है। लेकिन पूरे प्रखंड की बात करें तो लगभग इसकी आबादी तीन लाख से अधिक है। गौर करने वाली बात यह है कि जदिया-पिपरा सहित ऐसे कई अन्य छोटे बाजार हैं जहां से छोटे व्यापारी खरीदारी के लिए त्रिवेणीगंज आते हैं। हमेशा बाजार में लोगों की उपस्थिति अधिक होती है। लेकिन प्रसाधन की सुविधा नगण्य। स्थानीय प्रमोद कुमार चौधरी, अधिवक्ता राजेश कुमार, गजेश, जयनारायण यादव, अभिलेश कुमार, शुभम चौखानी,शत्रुधन प्रसाद ,मौसम कुमार, सोना,विशाल सहित दर्जनों लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग की है कि जल्द से जल्द प्रसाधन की व्यवस्था त्रिवेणीगंज मुख्यालय में हो ताकि लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।