

जयपुर।बिजली कार्मिकों द्वारा इन्टर डिस्कॉम तबादले की मांग को लेकर इंटर डिस्कॉम संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तलें, गांधीनगर, जयपुर में विधायकों के दर पर पिछले 45 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है।धरने पर बैठे बिजली कार्मिकों कि समस्या को ध्यान में रखते हुए या धरने प्रदर्शन कर रहे बिजली कार्मिकों के बार बार निवेदन कियें जानें पर माननीय विधायकों व मंत्रियों ने इन्टर डिस्कॉम तबादले की मांग की पैरवी करते हुयें मुख्यमंत्री स्तर पर लगातार मामले को रखा है, इन्टर डिस्कॉम तबादले की समस्या को माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचाने का प्रयास भी लगातार किया है, विधायकों ने माननीय मुख्यमंत्री के ओएसडी के समक्ष इन्टर डिस्कॉम तबादले की समस्या पर मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए बार बार समय भी मांगा है, तथा इन्टर डिस्कॉम स्थानांतरण कि समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष समस्या को रखने के लिए भी कहा है, माननीय OSD महोदय ने माननीय विधायकों को कहा है कि यह जो बिजली कार्मिक इन्टर डिस्कॉम तबादले की मांग कर रहे है, इन्होंने आवेदन करते समय ध्यान क्यों नहीं रखा?:इस पर इन्टर डिस्कॉम संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामकेश मीना का कहना है, कि किसी भी विभाग के कार्मिकों को विभाग में आने के बाद विभाग के नियम कायदों का पता चलता है, ऐसे बहुत से कार्मिक थें जिनको उस समय यह पता नहीं था, कि कभी भी इंटर डिस्कॉम तबादले नहीं होंगे, जबकि बिजली अनुबंधों में तबादले को लेकर लिखा हुआ हैं, कि जब कभी तबादलें को लेकर कभी भी विवाद या मतभेद, या मुद्दा उत्पन्न होता है, तो अंतिम निर्णय राज्य सरकार का ही रहेगा, उस निर्णय को निगम प्रशासन व बिजली कार्मिक मानने के लिए बाध्य रहेगा, अतः महोदय जब हम बिजली निगमों में सेवा में आयें हैं, तब से लेकर अब तक काफी बदलाव समय समय पर आवश्यकता अनुसार होतें रहे हैं, महोदय पहले नौकरी कि जरूरत थी, और अब इन्टर डिस्कॉम तबादले की जरूरत है, और हम केवल इन्टर डिस्कॉम तबादले की मांग कर रहे हैं , अतः मान्यवर साहनुभूती पूर्वक विचार किया जायें या जनहित में इन्टर डिस्कॉम तबादला होना बेहद आवश्यक है, अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष मामले को सरल व सहज तरीके से रखा जाए जिससे हजारों प्रताड़ित अल्प वेतन भोगी बिजली कर्मचारी व उनके परिजनों को राहत मिल सके, हाल ही में दो बिजली कार्मिकों ने म्यूचुअल तबादले को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट द्वारा संज्ञान लेते हुए प्रमुख ऊर्जा शासन सचिव को 6 वींक में आदेश कर दोनों कार्मिकों को राहत प्रदान करने के लिए भी कहा गया है,अतः न्याय पालिका ने भी यह माना है, कि जनहित में समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन्टर डिस्कॉम तबादले किए जाने चाहिए, और हम केवल इन्टर डिस्कॉम तबादलें की ही मांग कर रहे हैं, और तबादलें सभी विभागों में होते हैं, माननीय ओएसडी महोदय के द्वारा जो तर्क दिया जा रहा है, वह नीतीगत या न्याय संगत नहीं है, अतः अन्य सभी विभागों के कार्मिकों के तबादलें होते हैं, और हम केवल इन्टर डिस्कॉम तबादले की ही मांग कर रहे हैं, जो हमारा अधिकार है, इसलिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय से हमारा निवेदन है, कि वह जनहित में, हजारों पीड़ित शोषित बिजली कार्मिकों कें इंटर डिस्कॉम तबादले जल्द करें, और जो बिजली कार्मिक तबादला होकर जाएगा व सीनीयर्टी लिस्ट में नीचे आने के लिए बाध्य रहेगा या इसके लिए वो कर्मचारी व अधिकारी कभी भी सीनियर्टी की मांग नहीं करेंगा, साथ ही इसके लिए शपथ पत्र भी प्रस्तुत करेंगा।