

गहलोत-पायलट-भंवर-हरीश चौधरी भी नहीं दिला सके वोट
यूपी-उत्तराखंड-पंजाब समेत अर्जुनराम मेघवाल-भूपेन्द्र यादव-पूनिया हिट
जयपुर।पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से 4 में भाजपा ने जीत हासिल की है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ी जीत दर्ज की है। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब में पार्टी के पक्ष में प्रचार करने गए राजस्थान कांग्रेस के नेता पूरी तरह फेल हो गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी कांग्रेस को वोट नहीं दिलवा सके। भंवर जितेंद्र सिंह, धीरज गुर्जर, कुलदीप इंदौरा भी परफॉर्मेंस नहीं दे पाए। सभी नेताओं ने कांग्रेस को निराश किया है।
पंजाब में भाजपा प्रभारी केन्द्रीय मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत को छोड़कर बाकी सभी सीनियर भाजपा लीडर्स जिस किसी भी राज्य में गए पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भूपेंद्र यादव, BJP प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का अच्छा प्रदर्शन रहा है। इसका फीडबैक आलाकमान तक गया है।
सीएम गहलोत राजस्थान में विधानसभा सत्र चलने के कारण चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पाए। गहलोत ने सिर्फ पंजाब के लुधियाना सेंटर और डेरा बस्सी का चुनावी दौरा किया था। इन दोनों सीटों पर भी कांग्रेस हार गई है।
सीएम गहलोत राजस्थान में विधानसभा सत्र चलने के कारण चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पाए। गहलोत ने सिर्फ पंजाब के लुधियाना सेंटर और डेरा बस्सी का चुनावी दौरा किया था। इन दोनों सीटों पर भी कांग्रेस हार गई है।
अशोक गहलोत
कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को 5 राज्यों में स्टार प्रचारक बनाया था। सीएम गहलोत राजस्थान में विधानसभा सत्र चलने के कारण चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पाए। गहलोत ने सिर्फ पंजाब के लुधियाना सेंटर और डेरा बस्सी का चुनावी दौरा किया था। इन दोनों सीटों पर भी कांग्रेस हार गई है। दोनों सीटों पर AAP कैंडिडेट ने जीत दर्ज की।
उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में सभा के दौरान सचिन पायलट। पायलट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर वोट बैंक को साधने में नाकाम रहे। उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से सचिन पायलट ने प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी पायलट ने चुनाव प्रचार किया।
UP के बुलंदशहर में सभा के दौरान सचिन पायलट। पायलट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर वोट बैंक को साधने में नाकाम रहे। UP के गाजियाबाद से सचिन पायलट ने प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी पायलट ने चुनाव प्रचार किया।
सचिन पायलट
पायलट UP चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे। उन्होंने UP में 4 दर्जन से ज्यादा सभा कर जमकर प्रचार किया। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर वोट बैंक को साधने में वह नाकाम रहे। UP के गाजियाबाद से सचिन पायलट ने प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी पायलट ने चुनाव प्रचार किया। चारों राज्यों में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने में नाकाम रहे। पायलट ने यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में जहां भी चुनाव प्रचार किया, वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। लखनऊ में सचिन ने प्रियंका गांधी के साथ रोड शो भी किया था।
बीजेपी की जीत के बाद बुलडोजर पर जश्न मनाते राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया।
बीजेपी की जीत के बाद बुलडोजर पर जश्न मनाते राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया।
सतीश पूनिया
राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आगरा, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, फिरोजाबाद, सहारनपुर और मेरठ में बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं की थीं। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों का उन्हें जिम्मा दिया गया था। जिसमें बीजेपी की शानदार जीत हुई है।
केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल।
बीकानेर सांसद और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सह-प्रभारी बनाया था। उन्हें खास तौर पर दलित वोट बैंक साधने का जिम्मा दिया गया था। जिसमें वो कामयाब रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मेघवाल ने जहां दौरा किया। वहां बीजेपी ने कई सीटें बड़े अंतर से जीती हैं।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत।
बीजेपी ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत को पंजाब चुनाव में प्रभारी बनाया था। गजेन्द्र सिंह ने जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने की खूब कोशिश की। फिर भी बीजेपी को पंजाब में करारी हार का मुंह देखना पड़ा है। बीजेपी और उसके गठबंधन दल गिनती की केवल दो सीटें ही निकाल पाए हैं।
पंजाब चुनाव प्रभारी हरीश चौधरी और नवजोत सिंह सिद्धू।
कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक हरीश चौधरी को पंजाब में चुनाव प्रभारी बनाया था। हरीश चौधरी ने भी पंजाब में मैनेजमेंट का काम देखा। तमाम चुनावी समीकरण को समझने में वह फेल रहे। पार्टी की गुटबाजी उनके रहते बहुत ज्यादा बढ़ गई। इसका नतीजा कांग्रेस की हार के रूप में निकला।
धीरज गुर्जर, अध्यक्ष, राजस्थान बीज निगम।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के पूर्व विधायक और मौजूदा राजस्थान राज्य बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर को सचिव के रूप में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्हें प्रियंका गांधी के साथ अटैच किया गया था। धीरज ने प्रियंका का सारथी बनकर खूब चुनावी दौरे किए और प्रचार किया। फिर भी गुर्जर वोट बैंक साधने में वह भी नाकाम रहे।
उत्तराखंड के मसूरी में जनसभा के दौरान भंवर जितेंद्र सिंह।
उत्तराखंड के मसूरी में जनसभा के दौरान भंवर जितेंद्र सिंह।
भंवर जितेंद्र सिंह
पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को भी कांग्रेस ने यूपी में स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया गया था। उत्तर प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन में भारी खामी रही। इस कारण पार्टी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा है। जितेंद्र सिंह भी मेवात क्षेत्र से लगते उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहे। अपनी पार्टी को वोट नहीं दिलवा सके।
बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्रभारी के तौर पर केंद्रीय श्रम व वन पर्यावरण मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को जिम्मेदारी दी थी।
बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्रभारी के तौर पर केंद्रीय श्रम व वन पर्यावरण मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को जिम्मेदारी दी थी।
भूपेंद्र यादव
बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में प्रभारी के तौर पर केंद्रीय श्रम व वन पर्यावरण मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को जिम्मेदारी दी थी। मणिपुर में उनकी परफॉर्मेंस अच्छी रही। बीजेपी की जीत का सेहरा उनके सिर बंध गया है।
राहुल गांधी से हाथ मिलाते हुए कुलदीप इंदौरा।
कुलदीप इंदौरा श्रीगंगानगर जिला प्रमुख और एआईसीसी सचिव कुलदीप इंदौरा को उत्तराखंड चुनाव में सह-प्रभारी बनाया गया था। साथ ही कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा और जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल को भी चुनावों के लिए उत्तराखंड भेजा गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उत्तराखंड में राजस्थान के इन नेताओं की तिकड़ी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई।