-जिंक की गोली और ओआरएस घोल बचाएंगे बच्चों का जीवन

बीकानेर। 5 साल तक के बच्चों की दस्त से मृत्यु रोकने और कुपोषण से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने सशक्त दस्त नियंत्रण अभियान शुरू कर दिया है। पखवाड़े का जिला स्तरीय शुभारम्भ सीएमएचओ डॉ बी.एल. मीणा ने यूपीएचसी न. 1 अणचाबाई अस्पताल के ओआरएस-जिंक कॉर्नर पर बच्चों को ओआरएस का जीवन रक्षक घोल पिलाकर किया। इस दौरान हाथ धोने के 6 चरणों की सही विधि और एक पैकेट ओआरएस से 1 लीटर घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। जन जागरण के लिए स्टैंडी का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर डिप्टी सीएमएचओ एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र तनेजा, अस्पताल प्रभारी डॉ मुकेश जनागल, डॉ एम. अबरार पंवार, डॉ महेश मिड्ढा, आईईसी कोऑर्डिनेटर मालकोश आचार्य, पीएचएम रोहित शर्मा, लेखाकार कैलाश मारू सहित स्वास्थ्यकर्मी व आमजन उपस्थित रहे।
डॉ. मीणा ने बताया कि पखवाड़े के दौरान 24 अगस्त तक नॉन कन्टेनमेंट जोन क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियाँ प्रतिदिन 5 वर्ष आयु तक के बच्चों वाले घरों में जाकर ओआरएस का पैकेट बांटेगी व किसी के दस्त से ग्रसित पाए जाने पर जिंक टेबलेट की 14 दिन की खुराक देकर डायरिया, कुपोषण, स्तनपान व हाथों की स्वच्छता जैसे सामान्य दिखने वाले परन्तु गंभीर विषयों पर सूचना-संचार करेगी। कन्टेनमेंट जोन में भी अतिआवश्यक होम विजिट के दौरान ये गतिविधियाँ की जाएंगी। डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि सभी चिकित्सा संस्थानों-अस्पतालों व आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ओआरएस व जिंक कार्नर स्थापित किए गए हैं। यहाँ समस्त कोविड प्रोटोकॉल की पालना करते हुए ही अभियान चलाया जाएगा सामान्यतया मानसून से पहले 15 दिन का पखवाडा मनाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते 1 माह का समय दिया गया है। अभियान में 3 लाख से ज्यादा बच्चों तक ओआरएस पैकेट पहुँचाने का लक्ष्य है।

क्या है डायरिया ? कैसे करें इसका प्रबंधन ?
डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि यदि बच्चे को एक दिन में 3 या अधिक पतले दस्त लगते हैं तो उसे डायरिया माना जाएगा और उसे प्रत्येक दस्त के बाद ओआरएस का घोल दिया जाएगा जब तक कि दस्त बंद न हो जाए। 1 लीटर साफ पानी में ओआरएस का एक पूरा पैकेट डालकर घोल बनाया जाता है और उसे 24 घंटे के अन्दर उपयोग करना होता है। 2 माह से छोटे बच्चे को 5 चम्मच घोल, 2 माह से 2 साल तक के बच्चे को चैथाई से आधा कप व 2 से 5 साल तक के बच्चे को आधा से एक कप घोल प्रत्येक दस्त के बाद दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार 2 से 6 माह तक के बच्चे को आधी गोली जिंक की व 6 माह से 5 साल तक के बच्चे को एक गोली जिंक की प्रतिदिन 14 दिन तक देने से डायरिया बच्चे से दूर ही रहता है।